मुजफ्फरपुर में करोड़ों के बैंकिंग फ्राड में 60 घोस्ट खातों का ब्योरा जुटाने में जुटी पुलिस

मुजफ्फरपुर में बैंककर्मी की मिलीभगत से चल रहा था खाते से रुपये उड़ाने का खेल कोलकाता पुलिस व बैंकों से जांच अधिकारी ने किया संपर्क कोलकाता के हवाला कारोबारियों पर नकेल कसने की कवायद तेज जांच में खुल सकते हैं कई राज।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:25 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:25 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में करोड़ों के बैंकिंग फ्राड में 60 घोस्ट खातों का ब्योरा जुटाने में जुटी पुलिस
मुजफ्फरपुर में बैंककर्मी की मि‍लीभगत से होता है बैंक फ्राड।

मुजफ्फरपुर, जासं। बैंककर्मी की मिलीभगत से ग्राहकों के खाते से करोड़ों के फ्राड में फरार आरोपितों पर नकेल कसने की कवायद तेज कर दी गई है। मामले में केस के जांच अधिकारी ओम प्रकाश 60 घोस्ट खातों का ब्योरा जुटाने में जुट गए है। इसको लेकर पुलिस की तरफ से कोलकाता के दो बैंकों के अधिकारियों को पत्राचार किया गया है। साथ ही हवाला से जुड़े कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए कोलकाता के वरीय पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क स्थापित किया गया है।

बता दें कि जिला पुलिस की जांच में 60 से अधिक घोस्ट खाते मिले थे। मालूम हो कि काफी दिनों से चल रहे फ्राड का खेल उस समय उजागर हुआ जब बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मी के खाते से 24 लाख रुपये उड़ा लिए गए थे। मामला दर्ज करने के बाद नगर थाने की पुलिस ने इसकी जांच शुरू की। इसी में पूरे मामले का पर्दाफाश किया गया था। जांच दर जांच प्रोफेसर, डाक्टर समेत अन्य के खाते से करोड़ों के फ्राड उजागर हुए। मामले में पीएनबी के कैशियर नीतेश कुमार सहित छह आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी को जेल भेजा जा चुका है। मगर हवाला से जुड़े कारोबारियों पर नकेल नहीं कसी जा सकी है। इसके लिए पुलिस की तरफ से कार्रवाई तेज कर दी गई है।

सदर अस्पताल के हाजिरी रजिस्टर में छेड़छाड़

मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल के हाजिरी रजिस्टर से छेड़छाड़ का मामला उजागर हुआ है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने हाजिरी रजिस्टर को तत्काल जब्त करते हुए उपाधीक्षक से जवाब मांगा है। सारी हाजिरी रजिस्टर की प्रतिलिपि सिविल सर्जन ने अध्ययन किया। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि हाजिरी उपस्थिति को देखने में यह पाया गया कि चिकित्सा पदाधिकारी डा.प्रिया प्रियम व डा.पल्लवी का हस्ताक्षर पंजी में समरूप है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक आदमी दोनों चिकित्सा पदाधिकारी का हस्ताक्षर रोज अंकित कर रहा है। सीएस ने कहा कि यह मामला कदाचार व वरीय अधिकारी को भ्रमित करने वाला है।

सीएस ने उपाधीक्षक की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि चिकित्सकों की उपस्थिति पंजी का नियमित अवलोकन नहीं हो रहा है। सदर अस्पताल के चिकित्सक को आवंटित काम का नियमित अनुश्रवण नहीं हो रहा है। अगर ऐसा होता तो एक चिकित्सक दो की उपस्थिति कैसे दर्ज करती। सीएस ने कहा कि उपस्थित पंजी में चिकित्सकों को लघु हस्ताक्षर करने का पूर्व में निर्देश दिया गया था उसका भी पालन नहीं हो रहा है। उपाधीक्षक का जवाब आने के बाद विभागीय कार्यवाही के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा। सिविल सर्जन के इस कदम से हड़कंप मचा हुआ है।

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