जाने कितनी बार जोरे सुर, हर हालात में गिरह पड़ी है..

एलएस कॉलेज सभागार में बुधवार की शाम लोक चेतना यात्रा के तहत चर्चित लेखक व कवि गीत चतुर्वेदी की कविताओं के नाम रही।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 03:48 AM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 03:48 AM (IST)
जाने कितनी बार जोरे सुर, हर हालात में गिरह पड़ी है..
जाने कितनी बार जोरे सुर, हर हालात में गिरह पड़ी है..

मुजफ्फरपुर : एलएस कॉलेज सभागार में बुधवार की शाम लोक चेतना यात्रा के तहत चर्चित लेखक व कवि गीत चतुर्वेदी की कविताओं के नाम रही। मुंबई में जन्मे हिदी के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले समकालीन लेखकों में से एक गीत चतुर्वेदी ने जब सभागार में ''जाने कितनी बार जोरे सुर, हर हालात में गिरह पड़ी है, कभी दौड़े तो थकान नहीं और कभी बैठे-बैठे ही ढह गए'' सुनाई तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजायमान हो उठा। देर शाम तक उनकी कविताओं पर लोग दाद देते रहे। उन्होंने आलाप में गिरह, प्रेम, एक इंच, बोलने से पहले आदि कविताओं का पाठ किया। बता दें कि उनकी नई किताब ''अधूरी चीजों का देवता'' काफी प्रसिद्ध हुआ है। साहित्य, सिनेमा व्हाट्सएप पर लिखे उनके निबंधों का संग्रह ''टेबल लैंप'' को भी पाठकों ने खूब सराहा है। कविता के लिए गीत चतुर्वेदी को भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, स्पंदन कृति सम्मान, बागधारा कविता सम्मान, आदि से सम्मानित किया जा चुका है। गीत चतुर्वेदी प्रकृति प्रेमी है। उनका मानना है कि हम प्रकृति की पाठशाला में अपनी सभी इंद्रियों से अनुभव ग्रहण कर समाज एवं स्वयं के जीवन में संतुलित एवं सतत विकास को साधने के लिए प्रयत्नशील हैं। श्री रामपुर संवाद की टीम द्वारा गीत चतुर्वेदी के साथ लोक चेतना यात्रा का आयोजन 23 मार्च से 30 मार्च तक पूरे बिहार में किया जाना है। इसी क्रम में मुजफ्फरपुर में काव्य संध्या आयोजित की गई। इससे पूर्व गीत चतुर्वेदी, प्राचार्य डॉ.ओम प्रकाश राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मौके पर पर्यावरणविद अरविद मिश्र, कहानीकार डॉ.भावना पंत, मोटिवेशनल स्पीकर पृथ्वी पाल सिंह माथारू, कवि डॉ.संजय पंकज, डॉ.रमेश ऋतंभर, डॉ.पूनम सिंह, गोपाल भारती, डॉ.नवीन कुमार समेत कई कवि एवं लेखक मौजूद थे।

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