मुजफ्फरपुर के युवा समाजसेवी का कविता प्रेम छलक-छलक कर सामने आ रहा

कोरोना काल में सेवा के लिए विभिन्न मंचों से पुरस्कृत हो चुके हैं। उनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए जब युवा समाजसेवी अपनी गतिविधियों को इंटरनेट पर डालते हैं तो खूब चर्चा मिलती है। उनका अंदाज एवं कवि वाली छवि लोगों को पसंद आ रही है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:29 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:29 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के युवा समाजसेवी का कविता प्रेम छलक-छलक कर सामने आ रहा
युवा समाजसेवी का शहर में बड़ा नाम है।

मुजफ्फरपुर, [प्रमोद कुमार]। युवा समाजसेवी इन दिनों कवि हो गए हंै। अपनी हर बात कविता से शुरू करते हैं। सब संगति का कमाल है। युवा समाजसेवी के मित्रों में शहर के एक नामी कवि हैं। जब से वह समाजसेवी बने हैं नामी कवि से उनकी खूब बन रही है। पोस्टर-बैनर तक पर दोनों साथ दिखते हैं। अब उनकी संगति रहेगी तो कुछ न कुछ असर तो होगा ही। युवा समाजसेवी का शहर में बड़ा नाम है। कोरोना काल में सेवा के लिए विभिन्न मंचों से पुरस्कृत हो चुके हैं। उनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए जब युवा समाजसेवी अपनी गतिविधियों को इंटरनेट पर डालते हंै तो खूब चर्चा मिलती है। इन दिनों उनका शायराना अंदाज एवं कवि वाली छवि भी लोगों को पसंद आ रही है और उनकी यह छवि खूब चर्चा पा रही है।

युवा मास्टर साहब की घुगनी पार्टी

मास्टर साहब युवा हैं। हमेशा कुछ न कुछ कलाकारी करते रहते हैं। करे भी क्यों नहीं, जिले के बड़े कलाकारों में जो उनकी गिनती होती है। अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं। मास्टर साहब इंटरनेट मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहते हंै। अपनी हर गतिविधि को वे इंटरनेट मीडिया पर डालते हैं। इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर उनकी लिट्टी-घुगनी पार्टी चर्चा में है। मास्टर साहब की नियुक्ति शहर से सटे गांव के एक स्कूल में है। हालांकि वे स्कूल से ज्यादा बाहर नजर आते हैं। हाल में उनकी मुलाकात अपने पुराने मित्रों से हुई तो उनके साथ बैठकर पुराने दिनों की याद को ताजा किया। साथ ही लिट्टी के साथ घुगनी पार्टी की। यही नहीं अपनी इस पार्टी को इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर दिया। मास्टर साहब की यह अदा उनके शिष्यों के साथ-साथ उनको चाहने वालों को खूब भा रही है। मास्टर साहब को और क्या चाहिए? स्वाद के साथ चर्चा जो मिल रही।

युवा साहब पर काम का बोझ

साहब युवा हंै। कड़क मिजाज हैं। जो ठान लेते उसे पूरा करके ही मानते हंै। काम नहीं करने वालों को जमकर फटकार लगाते हंै। हो भी क्यों नहीं बहुत बड़ी पढ़ाई करके साहब बने हैं।

फिलहाल सफाई महकमे में साहब सबसे बड़े हाकिम हैं। जब से हाकिम बने हैं लगातार चर्चा में हंै, लेकिन इन दिनों उनपर काम का बड़ा बोझ है। युवा हंै इसलिए सह रहे हैं। उनपर शहर को स्मार्ट बनाने से लेकर शहरवासियों के विकास तक का जिम्मा है। सफाई महकमे को पटरी पर लाने से लेकर महकमे के नेताओं को खुश रखने तक की जिम्मेदारी है। वे इन दिनों काम के बोझ से ज्यादा काम में अड़ंगा लगाने वालों से परेशान हंै। कुछ भी करते हैं तो कोई न कोई उनकी राह में अड़ंगा लगा देता है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है।

युवा प्रवक्ता का हवा-हवाई सपना

युवा प्रवक्ता इन दिनों हवा-हवाई सपना देख रहे है। पटना वाले सदन तक पहुंचने का लक्ष्य बनाए बैठे हैं। इसके लिए जनता की जगह भगवान के के दरवाजे पर दस्तक देते चल रहे हैं। साथ ही बड़े नेताओं की दरबारी कर रहे हैं। युवा प्रवक्ता देश की सबसे बड़ी पार्टी के प्रवक्ता हंै। हालांकि पार्टी के नेता इन दिनों उनको प्रवक्ता नहीं मानते। युवा प्रवक्ता को अब दूसरे के लिए काम करने का मन नहीं करता, बल्कि अब वे अपने लिए काम करना चाहते हैं। शहर की राजनीति में लंबी छलांग लगाने का सपना देख रहे हैं। उनका मन डोल रहा है। पटना वाले सदन में पहुंचने तक का सपना देख रहे हैं। इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं से मिलकर अपने लिए आशीर्वाद मांग रहे हैैं। पटना से दिल्ली तक प्रचार्य मैडम के साथ घूम-घूम कर बड़े नेताओं से मिल रहे हैं। उनको उम्मीद है कि बड़े नेताओं की संगति का लाभ उनको जरूरत मिलेगा।  

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