नाबालिग की इज्जत से एक साल तक खिलवाड़, बनी बिन ब्याही मां, मुजफ्फरपुर की घटना

पिछले वर्ष 20 अगस्त को आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मुखिया के यहां गई थी। इसी दौरान एक कमरे में बंद कर दिया। वहां से मुजफ्फरपुर में अनजान जगह पर नौ महीने तक एक कमरे में बंद कर मुखिया पति व चार लोगों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 11:48 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 11:48 AM (IST)
नाबालिग की इज्जत से एक साल तक खिलवाड़, बनी बिन ब्याही मां, मुजफ्फरपुर की घटना
मुखिया पति समेत पांच लोगों पर प्राथमिकी, महिला आरोपित गिरफ्तार। प्रतीकात्‍मक फोटो

गायघाट (मुजफ्फरपुर), संस। थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग का अपहरण कर एक साल तक दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। बीते 15 अगस्त को पीडि़ता ने एक बच्चे को जन्म दी है। इस मामले में गायघाट थाने में पीडि़ता ने एक मुखिया पति समेत पांच लोगों पर साजिश के तहत अपहरण कर एक साल तक दुष्कर्म करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि वह पिछले वर्ष 20 अगस्त को आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मुखिया के यहां गई थी। इसी दौरान मुखिया पति समेत पांच लोगों ने पकड़ कर एक कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद वहां से मुजफ्फरपुर शहर में अनजान जगह पर नौ महीने तक एक कमरे में बंद कर मुखिया पति मनोज सहनी व चार लोगों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। जब वह गर्भवती हो गई तो उसे डरा-धमका कर उसे घर पर छोड़ दिया गया।

नौ महीने बाद गर्भावस्था में लाकर घर पर छोड़ा

लज्जा के मारे पीडि़ता की मां ने उसे प्रसव के लिए बड़ी बेटी के यहां भेज दिया जहां 15 अगस्त को पीडि़ता ने एक लड़के को जन्म दिया। पीडि़ता की मां ने बताया कि जब मुखिया से पूछने गई कि मेरी बेटी वापस नहीं आई है तो उसने कहा कि कहीं जाने की जरूरत नहीं है। हम अपने स्तर से जल्दी ही उसे ढूंढ लेंगे। वहीं, मुखिया पति ने नौ महीने बाद गर्भावस्था में लाकर घर पर छोड़ दिया। थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में मुखिया पति व एक महिला समेत पांच लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं, पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, पीडि़ता को बयान हेतु न्यायालय भेजा गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। उधर, मुखिया पति ने कहा कि राजनीतिक साजिश के चलते उन्हें अभियुक्त बनाया गया है। यह मामला प्रेम प्रसंग का है। प्रेमी व उसके स्वजनों के साथ मेरा भी नाम दे दिया गया है। थानाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध है।  

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