मुजफ्फरपुर नगर मुजफ्फरपुर नगर निगम कर्मचारियों के खेल में फंसे जनप्रतिनिधि और अधिकारी

मुजफ्फरपुर नगर आयुक्त ने महापौर को पत्र लिखकर बहलखाना प्रभारी के खिलाफ साक्ष्य मांगा है। दूसरी ओर उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला ने नगर निगम के प्रधान सहायक आलोक वर्मा की बहाली से लेकर प्रधान सहायक बनने तक की जानकारी मांगी है। इसको लेकर निगम का राजनीतिक तापमान गरम है।

By Vinay PankajEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 10:20 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:20 PM (IST)
मुजफ्फरपुर नगर मुजफ्फरपुर नगर निगम कर्मचारियों के खेल में फंसे जनप्रतिनिधि और अधिकारी
मुजफ्फरपुर नगर निगम के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी कर्मचारियों के खेल में फंसे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरपुर नगर निगम के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी इन दिनों कर्मचारियों के खेल में फंसे हुए हैं। एक ओर नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने महापौर सुरेश कुमार को पत्र लिखकर बहलखाना प्रभारी के खिलाफ साक्ष्य मांगा है। दूसरी ओर उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला ने नगर निगम के प्रधान सहायक आलोक वर्मा की बहाली से लेकर प्रधान सहायक बनने तक की जानकारी मांगी है। इसको लेकर निगम का राजनीतिक तापमान गरम है।

रामलाल शर्मा को बहलखाना प्रभारी बनाए जाने पर महापौर ने आपत्ति जताई थी। महापौर ने रामलाल शर्मा पर स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाने के नाम पर अग्रिम लेकर काम नहीं करने का आरोप लगाया था। नगर निगम सशक्त स्थायी समिति की बैठक में बहलखाना प्रभारी के पद से रामलाल शर्मा को हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। उसका अनुपालन नहीं होने पर महापौर लगातार नगर आयुक्त को पत्र लिख रहे थे।

अब नगर आयुक्त ने महापौर से बहलखाना प्रभारी के खिलाफ साक्ष्य मांगा है, जिसके आधार पर उन्हें हटाया जा सके। नगर आयुक्त ने कहा है कि अभी बहलाखाना प्रभारी को हटाए जाने से काम प्रभावित हो सकता है। जांच के बाद बहलखाना प्रभारी पर कोई आरोप सही नहीं पाया गया है। ऐसे में उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही में कठिनाई हो रही है। महापौर का कहना कि सशक्त स्थायी समिति के फैसले पर नगर आयुक्त सवाल खड़ा कर रहे हैं जबकि उनको फैसले का अनुपालन करना चाहिए।

दूसरी ओर उपमहापौर ने नगर आयुक्त से प्रधान सहायक आलोक वर्मा के बार में जानकारी मांगी है। पूछा है कि आलोक वर्मा की नियुक्ति का आधार क्या है? उनकी सेवा में कोई टूट तो नहीं है? अगर टूट है तो पूर्व के नगर आयुक्त ने उनको किस आधार पर एसीपी का लाभ दिया है। यदि वह दोषी हैं तो इन्हें किस आधार पर प्रधान सहायक बनाया गया है। कर्मचारियों को लेकर उठ रहे इन सवालों को लेकर निगम का तापमान चढ़ा हुआ है।

नगर निगम कर्मचारी संघ में आंतरिक कलह :

नगर निगम में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के बीच टकराव तो आम बात है। अब नगर निगम कर्मचारी संघ में भी टकराव हो रहा है। संघ के चेयरमैन पद से विजय कुमार के इस्तीफे एवं पिछले दो दिनों से कर्मचारियों द्वारा संघ छोड़े जाने से विवाद बढ़ता जा रहा है। बुधवार को पांच कर्मचारियों ने संघ से इस्तीफा दे दिया। नगर निगम कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जो लोग इस्तीफा दे रहे हैं वे संघ के सदस्य नहीं हैं। प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह ने कहा है कि संघ में किसी प्रकार का विवाद नहीं है।  

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