करोड़ों हुए खर्च पर सुविधाओं के लिए तरसते रहे लोग

सीतामढ़ी जिले के नानपुर प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौड़िया रायपुर गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव का दंश झेल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 01:43 PM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 03:40 PM (IST)
करोड़ों हुए खर्च पर सुविधाओं के लिए तरसते रहे लोग
करोड़ों हुए खर्च पर सुविधाओं के लिए तरसते रहे लोग

मुजफ्फरपुर। सीतामढ़ी जिले के नानपुर प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौड़िया रायपुर गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव का दंश झेल रहा है। इस गांव की सड़कों का बुरा हाल है। बिजली सुविधा का भी अभाव है। गांव की पाती अभियान के तहत रायपुर के गंगा सागर दुर्गा मंदिर परिसर में चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें गांव के लोगों ने खुलकर गांव की समस्या पर चर्चा की। ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में फसल की ¨सचाई के लिए नलकूप विभाग द्वारा नलकूप गाड़ा गया, लेकिन किसानों को इससे कोई फायदा नहीं मिल रहा। किसान निजी बो¨रग से ¨सचाई करते हैं जो काफी महंगा साबित हो रहा है। इस गांव में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना हुई। विभाग द्वारा भवन निर्माण किया गया और इसका उदघाटन वर्ष 96 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने किया था। लेकिन, इसका भवन जर्जर हो गया है। अब इसकी हालत देखकर लोग जाना पसंद नहीं करते हैं। इस गांव में विधायक सह पूर्व मंत्री स्व.रामवृक्ष चौधरी ने वर्ष 1977 में पानी टंकी की स्वीकृति देकर निर्माण कराया, लेकिन आज तक एक बूंद पानी नहीं निकल सका। ग्रामीण सड़कों का भी बुरा हाल है। हालांकि, वर्तमान मुखिया के कार्यकाल में कई सड़कों का निर्माण किया गया है और कई सड़कें निर्माणाधीन हैं। अबतक कुछ लोगों को छोड़कर किसी को भी बिजली की सुविधा मयस्सर नहीं थी। लेकिन, अब स्थिति बदली है गांव के कुछ लोगों को छोड़कर सभी को बिजली की सुविधा मिल रही है। इस गांव में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या व बालक मध्य विद्यालय भी है। लेकिन, शिक्षकों की उदासीनता व कमी के कारण लोग नामांकन कराकर निजी स्कूलों में ही बच्चे को पढ़ाना मुनासिब समझते हैं। नानपुर प्रखंड का सबसे बड़ा व्यावसायिक बाजार इस गांव में है, बावजूद सड़क की बड़ी दुर्दशा है। इस गांव में जाने वाली मोहनी गांधी चौक से रायपुर जानेवाली सड़क जर्जर हालत में है। यदि यह सड़क बन जाती तो बाजार की स्थिति और अच्छी हो जाएगी। चौपाल में श्री किशोर, टुल्ली वर्मा, राजीव सहनी, मोहन सहनी, रामसुंदर , ब्रजमोहन, शैलेंद्र कुमार मंडल सहित कई ग्रामीण शामिल थे।

ग्रामीण राजीव सहनी ने बताया कि

सड़कों का घोर अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदतर है और इससे आम जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

गांव में आजादी के बाद से बिजली नहीं थी। लेकिन, अब मुखिया के प्रयास से विद्युतीकरण कार्य किया जा रहा है। अबतक 60 प्रतिशत लोगों को बिजली मिल रही है।

राजनीतिक व व्यावसायिक रूप से प्रतिष्ठित गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। मुखिया द्वारा कई विकास कार्य कराया जा रहा है, लेकिन आवश्यकता के अनुरूप अभी भी कम है ।

शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि राजनैतिक रूप से विख्यात इस गांव की स्थिति बहुत खराब थी। बुनियादी सुविधा का ढांचा बिगड़ गया था। लेकिन, मुखिया के प्रयास से बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। मुखिया मीरा देवी ने बताया कि

पंचायत के इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव था। अपने प्रयास से सड़क और बिजली की व्यवस्था को दुरुस्त किया है। वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा आवास सहित अन्य योजनाओं का लाभ लोगों को दिलाया गया है। लोगों का राजनेताओं के प्रति मोहभंग हो गया था, परंतु अब उनका विश्वास जगा है। पंचायत के विकास के लिए संकल्पित हूं।

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