पश्चिम चंपारण में धनहा -रतवल पुल के गाइड बांध का हिस्सा बहा
बाढ़ प्रमंडल दो पडरौना (यूपी) के सहायक अभियंता पंकज कुमार ने कहा कि मिट्टी क्षरण को रोका जा रहा है।सेमरा दियारे में कटाव से गन्ना और धान की फसल गंडक में विलीन हो गई। गंडक बराज से शाम तक एक लाख 36 हजार सात सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
मुजफ्फरपुर, जाटी। उत्तर बिहार में मंगलवार को भी बारिश से नदियों के जलस्तर में उतार -चढ़ाव जारी रहा। पश्चिम चंपारण में नदियां कटाव कर रही हैैं। धनहा- रतवल सेतु के एक नंबर पिलर के पास दायां गाइड बांध के सामने कटाव तेज हो गया। सुबह में 215 मीटर लंबे गाइड बांध के 150 मीटर का हिस्सा गंडक नदी की धारा में बह गया। इससे गाइड बांध के निचले हिस्से में बसा नौका टोला के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
बाढ़ प्रमंडल दो, पडरौना (यूपी) के सहायक अभियंता पंकज कुमार ने कहा कि मिट्टी क्षरण को रोका जा रहा है।पिपरासी प्रखंड के सेमरा दियारे में कटाव से सैकड़ों एकड़ गन्ना और धान की फसल गंडक में विलीन हो गई। गंडक बराज से शाम तक एक लाख 36 हजार सात सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
उधर, मधुबनी और दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी घटने के बाद भी परेशानी बरकरार है। बाढ़ में टूटी सड़कों से आवागमन बाधित है। मधुबनी जिले के लौकहा, बेनीपट्टïी, मधवापुर और मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में धौंस व कोसी नदी का दबाव जारी है। दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी और पश्चिमी प्रखंड की 20 पंचायतें पानी से घिरी हैं। समस्तीपुर में बूढी गंडक के जलस्तर में कमी आई है। बागमती भी स्थिर है। हालांकि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। अभी जिले के 45 गांव बाढ़ से आंशिक रूप से प्रभावित हैं। चार हजार परिवार तटबंधों पर हैैं। शिवाजीनगर प्रखंड में करेह नदी के बायां तटबंध में कटाव जारी है। शिवहर, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में नदियां शांत रहीं।
सरकार सभी मोर्चे पर विफल
पारू (मुजफ्फरपुर) : बिहार के लोग बाढ़ की चपेट और सुखाड़ से त्रस्त हैं। आपदा काल समेत सभी मोर्चे पर सरकार विफल है। सहयोगी दल भी सरकार के कामकाज से खुश नहीं। आने वाले दिनों में राजद मजबूत होकर उभरेगा। ये बातें राजद प्रदेश सचिव जयशंकर यादवने देवरिया चौक पर मीडिया से कही। मौके पर एसएन यादव, रामपुकार भक्त, उपेंद्र यादव, शिवपूजन पासवान, राजेंद्र राम आदि थे।