मुजफ्फरपुर में एक शख्स की 11 साल में हुई दो बार मौत!, जानिए क्या है पूरा मामला

Muzaffarpur बिना जांच और भौतिक सत्यापन के ही पंचायत सचिव मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। ऐसा एक मामला मड़वन में पकड़ा गया है। 11 वर्ष पूर्व जारी मृत्यु प्रमाणपत्र फिर जारी कर दिया गया। प्रशिक्षु आइएएस व मड़वन की बीडीओ ने की पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 08:32 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:18 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में एक शख्स की 11 साल में हुई दो बार मौत!, जानिए क्या है पूरा मामला
मड़वन में बिना जांच ही मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर देते पंचायत सचिव। (सांकेतिक तस्वीर)

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। 11 साल में दो बार मौत! एक आदमी की मौत दो बार हो सकती है, आख‍िर ये कैसे संभव है? आप यही सोच रहे होंगे। पर ऐसा हुआ है मुजफ्फरपुर में। एक आदमी के नाम पर दो बार मृत्‍यु प्रमाणपत्र जारी क‍िया गया है। एक्‍टर पंकज त्र‍िपाठी की फ‍िल्‍म 'Kaagaz' अगर आपने देखी है, तो आपको यह मामला आसानी से समझ आ जाएगा। फ‍िल्‍म की तरह ही मुजफ्फरपुर के मड़वन में फर्जी तरीके से मृत्‍यु प्रमाणपत्र जारी क‍िया गया।

यह है पूरा मामला

बिना जांच और भौतिक सत्यापन के ही पंचायत सचिव मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। ऐसा एक मामला मड़वन में पकड़ा गया है। 11 वर्ष पूर्व जारी मृत्यु प्रमाणपत्र फिर जारी कर दिया गया। जांच में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद प्रशिक्षु आइएएस और मड़वन की बीडीओ खुशबू गुप्ता ने पंचायत सचिव रवींद्रनाथ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा जिला पंचायती राज पदाधिकारी से की है।

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गलत शपथ-पत्र देकर फिर से मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा लिया

मड़वन बीडीओ ने जारी पत्र में कहा कि मकदुमपुर कोदरिया पंचायत निवासी मो. एनुल हक के नाम से दोबारा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए। शिकायत के बाद स्पष्टीकरण मांगे जाने पर पंचायत सचिव ने जानकारी दी कि मो. एनुल का वर्ष 2009 में मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया गया था। पिछले वर्ष शहनवाज आलम नामक व्यक्ति ने समीना खातून के नाम से गलत शपथ-पत्र देकर फिर से मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा लिया।

 प्रशिक्षु आइएएस ने कहा कि स्थिति यह है, पंचायत सचिव बिना स्थल, पूर्व से प्रभार रिपोर्ट और पंचायत अभिलेख की जांच पड़ताल किए बिना ही दुबारा प्रमाणपत्र जारी कर दिया। वहीं पंचायत की जन्म-मृत्यु पंजी प्रभार नहीं मिलने की सूचना भी अनुपलब्ध है। इससे स्पष्ट होता है कि पंचायत सचिव रवींद्रनाथ ने जान बूझकर दोबारा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया। इसे देखते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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