बिहार के सभी जिलों में पहली जनवरी से पंचायत संसाधन केंद्रों के चालू होने की संभावना

अभी अस्थाई तौर पर ही होगा जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन।जिला पंचायत संसाधन केंद्र में ही दिया जाएगा पंचायत एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियोंं एवं कर्मियोंं को क्षमतावर्द्धन की ट्रेनिंग। अस्थाई जिला पंचायत संसाधन केंद्र से संबद्ध सभी साधन सेवियोंं एवं कर्मियोंं का बायोमेट्रिक प्रणाली से दर्ज की जाएगी उपस्थिति।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 09:17 AM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 09:17 AM (IST)
बिहार के सभी जिलों में पहली जनवरी से पंचायत संसाधन केंद्रों के चालू होने की संभावना
संपूर्ण व्यवस्था का संचालन एवं कार्यान्वयन जिला पदाधिकारी की देखरेख में किया जाएगा।

मधुबनी, जेएनएन। सूबे के सभी जिलों में एक जनवरी 2021 से जिला पंचायत संसाधन केंद्रों के अनिवार्य रुप से क्रियाशील एवं संचालित होने की संभावना है। पंचायती राज विभाग ने पहली जनवरी से सूबे के सभी जिलों में अनिवार्य रुप से जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। हालांकि, अभी अस्थाई तौर पर ही जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन किया जाएगा। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सूबे के सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को सूचित कर दिया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2021 के मार्च-अप्रैल में पंचायत आम निर्वाचन कराया जाना है। पंचायत एवं ग्राम कचहरी के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों एवं कर्मियों के क्षमतावर्द्धन के लिए छह माह के अंदर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित की जानी है। पंचायत एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को पंचायती राज व्यवस्था की प्रक्रिया एवं प्रणाली से अवगत कराने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। ताकि उनका क्षमतावर्द्धन हो सके। इसी के मद्देनजर सूबे के सभी जिलों में सरकार ने जिला पंचायत संसाधन केंद्र का निर्माण कराने का निर्णय लिया है। लेकिन, जब तक जिला पंचायत संसाधन केंद्र का निर्माण नहीं हो जाता है, तब तक के लिए अस्थाई तौर पर ही जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन करने का निर्णय लिया गया है।

 एक जनवरी 2021 से अस्थाई तौर पर जिला पंचायत संसाधन केंद्र को क्रियाशील एवं संचालित करने का लक्ष्य विभाग ने निर्धारित किया है। ताकि, पंचायती राज विभाग से संबंधित सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम अस्थाई तौर पर चयनित जिलाबपंचायत संसाधन केंद्र में आयोजित किया जा सके। अस्थाई जिला पंचायत संसाधन केंद्र से संबद्ध सभी साधन सेवियों एवं कर्मियों का बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी। जिला पंचायत राज पदाधिकारी बायोमेट्रिक प्रणाली संयंत्र की अधिष्ठापन करेंगे। जिला पंचायत संसाधन केंद्र पर नियुक्त सभी कर्मी एवं साधन सेवी जिला पंचायत संसाधन केंद्र के प्राचार्य के प्रशासनिक निर्देशन, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण में कार्य करेंगे। प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य के पदस्थापन होने तक जिला पंचायत राज पदाधिकारी ही इस दायित्व का निर्वहन करेंगे। जबकि उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उक्त केंद्र के वरीय प्रभारी पदाधिकारी होंगे। हालांकि, संपूर्ण व्यवस्था का संचालन एवं कार्यान्वयन जिला पदाधिकारी की देखरेख में किया जाएगा। 

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