कालाजार पर शोध करनेवाले पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्र का निधन, बिहार का चिकित्सा जगत मर्माहत

उत्तर बिहार में कालाजार पर किए गए रिसर्च के लिए इन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष के तौर पर उनकी सेवा और कालाजार पर किया गया शोध नजीर है चिकित्सा जगत के लिए।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:16 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 11:16 AM (IST)
कालाजार पर शोध करनेवाले पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्र का निधन, बिहार का चिकित्सा जगत मर्माहत
देश की सरकार ने इन्हें इनके शोध के लिए पद्मश्री सम्मान से 2014 में सम्मानित किया। फाइल फोटो

दरभंगा, जासं। शहर के लहेरियासराय निवासी प्रख्यात चिकित्सक पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्र अब नहीं रहे। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। इसके लिए वो लगातार विभिन्न स्तरों पर सम्मानित होते रहे। लेकिन, उत्तर बिहार में कालाजार पर किए गए रिसर्च के लिए इन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। इन्होंने काफी लंबे समय तक अपनी सेवाएं दरभंगा को दी। दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष के रूप में एक सफल फिजिशियन चिकित्सक का दायित्व निभाने के साथ-साथ इन्होंने पीड़ित मानवता की चिंता हमेशा की। इनके सेवाकाल में उत्तर बिहार कालाजार से त्रस्त था। दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान में काफी लोग इससे पीड़ित थे। एक चिकित्सक के रूप में डॉ. मिश्र ने लोगों की सेवा की। साथ ही इस विषय पर शोध किया कि कौन सी दवा से लोग शीघ्र स्वस्थ होंगे। इनका शोध सफल हुआ। लोग ठीक होने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे ये चर्चा में आए और देश की सरकार ने इन्हें इनके शोध के लिए पद्मश्री सम्मान से 2014 में सम्मानित किया। स्थानीय लोग बताते हैं कि जिले के अलावा पूरे मिथिलांचल के लोग उन्हें धरती के भगवान के रूप में देखते थे।

वर्ष 1994 में मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी इन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र के लिए कई काम किए। लोगों को परामर्श देते रहे। वो शहर के लहेरियासराय स्थित अपने निवास स्थान पर रहते थे। इस बीच गुरुवार की रात गए अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ी। अभी इलाज का इंतजाम होता कि उन्होंने दम तोड़ दिया। वो अपने पीछे दो पुत्र समेत एक भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

मंत्री-सांसद समेत तमाम नेता और समाजसेवियों ने जताया शोक

डॉ. मिश्र के निधन पर सूबे के जल-संसाधन सह सूचना व जन संपर्क विभाग के मंत्री संजय झा ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विट कर डॉ. मिश्र के निधन को चिकित्सा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए लिखा- डॉ. मिश्र मिथिला के लोगों के लिए भगवान की तरह थे। सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा- डॉ. मिश्र के निधन की भरपाई नहीं हो सकती। वो जनसेवा के लिए समर्पित व्यक्ति थे। वहीं समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी, केवटी के डॉ. मुरारी मोहन झा, राजद नेता आरके चौधरी समेत जिले के कई नेताओं ने गहरा शोक जताया है। 

chat bot
आपका साथी