शिवहर में नहीं बढ़ पा रहा धान की खरीदारी का मीटर

अबतक तय लक्ष्य के विरूद्ध महज नौ फीसद ही हो सकी धान की खरीदारी। चार फीसद किसानों का ही हो पाया है आनलाइन निबंधन। इस बार 45 हजार टन धान की खरीदारी का लक्ष्य तय किया गया है। जिले के 54 पैक्सों को धान की खरीदारी की जिम्मेदारी मिली है।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 01:20 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 04:45 PM (IST)
शिवहर में नहीं बढ़ पा रहा धान की खरीदारी का मीटर
जिन किसानों ने पैक्स के माध्यम से धान बेची है, उन्हें भुगतान भी नही हो सका है। फोटो : जागरण

शिवहर, जासं। जिले में धान की खरीदारी का मीटर नहीं बढ़ रहा है। और नहीं किसानों के आनलाईन निबंधन को ही रफ्तार मिल रहा है। हालत यह है कि महज चार फीसद किसानों ने ही आनलाइन निबंधन कराया है और तय लक्ष्य के विरूद्ध नौ फीसद ही धान की खरीदारी हो सकी है। जिन किसानों ने पैक्स के माध्यम से धान बेची है, उन्हें भुगतान भी नही हो सका है। 

45 हजार टन धान की खरीदारी का लक्ष्य

बताते चलें कि पिछली बार जिले में 30 हजार टन धान की खरीदारी हुई थी। इस बार 45 हजार टन धान की खरीदारी का लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत जिले के 54 पैक्सों को धान की खरीदारी की जिम्मेदारी मिली है। जिले में तकरीबन 62 हजार किसान है। लेकिन अबतक महज 2002 किसानों का ही निबंधन हो पाया है। जबकि, दो हजार टन धान की ही खरीदारी हो सकी है। जिला सहकारिता पदाधिकारी विनित कुमार और एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी के कड़े तेवर के बावजूद धान अधिप्राप्ति की रफ्तार नहीं बढ़ रही है। किसान जय नारायण प्रसाद और जनार्दन प्रसाद ने बताया कि एक तो आनलाइन निबंधन की प्रक्रिया जटिल है। दूसरी पैक्सों द्वारा भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में इलाके के किसान खुले बाजार में धान बेच रहे है।

31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम

इधर, डीसीओ ने एक बार फिर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों व पैक्स अध्यक्षों को धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया है। जबकि, डीएम सज्जन आर ने सभी पैक्सों को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही जिन पैक्सों का सीसी लिमिट समाप्त हो गया है, उनका सीसी लिमिट बढ़ाने का भी आदेश दिया है। बावजूद इसके किसानों का आनलाइन निबंधन कम होना और धान की कम खरीदारी अब भी विभाग के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। इधर, अधिकारियों ने किसानों से क्रय केंद्रों पर धान बेचने और धान बेचने के लिए आनलाइन निबंधन कराने की अपील की है। ताकि, उन्हें सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके। 

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