मधुबनी जिले में अब तक लक्ष्य का महज तीन प्रतिशत धान अधिप्राप्ति

जिले में धान अधिप्राप्ति का कुल लक्ष्य एक लाख 65 हजार एमटी है। जिसमें से अब तक महज 5063.960 एमटी ही धान की अधिप्राप्ति हो पाई है। बता दें कि जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए कुल 16 हजार 500 किसानों ने पंजीयन कराया है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 11:13 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 11:13 AM (IST)
मधुबनी जिले में अब तक लक्ष्य का महज तीन प्रतिशत धान अधिप्राप्ति
16 हजार 500 किसान पंजीकृत, मात्र 762 किसानों से हुई धान अधिप्राप्ति।

मधुबनी, जासं। जिले में धान अधिप्राप्ति को शुरू हुए एक माह होने को है। हालांकि, अब तक जिले में कुल लक्ष्य के महज तीन प्रतिशत ही धान की अधिप्राप्ति हो पाई है। बता दें कि जिले में धान अधिप्राप्ति का कुल लक्ष्य एक लाख 65 हजार एमटी है। जिसमें से अब तक महज 5063.960 एमटी ही धान की अधिप्राप्ति हो पाई है। बता दें कि जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए कुल 16 हजार 500 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिस में से महज 762 किसानों से ही धान की अधिप्राप्ति हो पाई है। जिले में 309 पैक्स एवं छह व्यापार मंडल सहित कुल 315 एजेंसियों का चयन धान अधिप्राप्ति केंद्रों के रूप में किया जा चुका है, लेकिन धान की कटाई होने के बावजूद धान में नमी की मात्रा अधिक रहने के कारण अधिप्राप्ति में विलंब हो रही है। धान अधिप्राप्ति की प्रखंड वार आंकड़ों के अनुसार अंधराठाढ़ी में 414.300 एमटी, बाबूबरही में 263.100 एमटी, बासोपट्टी में 236.800 एमटी, बेनीपट्टी में 254.4 एमटी, बिस्फी में 156 एमटी, घोंघरडीहा में 265 एमटी, हरलाखी में 278 400 एमटी, जयनगर में 199. 300 एमटी, झंझारपुर में 215.800 एमटी, कलुआही में 165.700 एमटी, खजौली में 250.900 एमटी, लदनिया में 245.900 एमटी, लखनौर में 172.600 एमटी, लौकहा सह खुटौना में 310. 900 एमटी, लौकही में 280.800 एमटी, मधेपुर में 303.100 एमटी, मधुबनी में 208. 910 एमटी, मधवापुर में 134.450 एमटी, पंडौल में 371.200 एमटी, फुलपरास में 149.400 एमटी, राजनगर में 187 एमटी धान की अधिप्राप्ति हो पाई है।

श्रीपुर हाटी उत्तरी पंचायत के मोहनपुर निवासी पूर्व मुखिया सह किसान रामकरण यादव ने बताया कि लगभग 200 क्विंटल धान तैयार कर खलिहान में पड़ा हुआ है, लेकिन पैक्स व व्यापार मंडल के द्वारा धान अधिप्राप्ति नहीं करने के कारण धान नहीं बेच पा रहे हैं। नतीजा, खलिहान में जगह की कमी हो

गई है। अब यह समस्या हो गई है की शेष धान तैयार कर कहां रखें। सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत निवासी किसान गगन चौधरी ने बताया कि पंचायत में पैक्स के द्वारा धान अधिप्राप्ति प्रारंभ नहीं किए जाने के कारण खलिहान में जगह की कमी को देखते हुए उन्होंने औने-पौने दाम में धान को बेच

दिया। भगवतीपुर पैक्स अध्यक्ष प्रमोद कुमार पप्पू व दहिवत माधवपुर पश्चिमी पैक्स अध्यक्ष सह पूर्व प्रखंड प्रमुख पंडौल आशा देवी ने बताया कि प्रशासनिक स्वीकृति में विलंब होने के कारण वे धान अधिप्राप्ति नहीं शुरू कर पाए थे। जबकि, धान तैयार कर दर्जनों किसान पैक्स को देने के लिए तैयार बैठे

हैं।

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