मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में 15 अगस्त तक चार प्लांट से आक्सीजन उत्पादन

एसकेएमसीएच परिसर में सेना की ओर से संचालित डीआरडीओ के कोविड केयर सेंटर में रखे गए क्रायोजनिक आक्सीजन टैंक लग रहा है। इसकी क्षमता 20 टन है। यह प्लांट तैयार हो चुका है और पाइप लाइन अस्पताल तक पहुंच गया है। लाइसेंस लेने की प्रक्रिया चल रही है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 11:48 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 11:48 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में 15 अगस्त तक चार प्लांट से आक्सीजन उत्पादन
आक्सीजन प्लांट निर्माण को गति देने के लिए खुला बीएमएसआइसीएल का कार्यालय। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग आक्सीजन उत्पादन को लेकर सजग है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े एसकेएमसीएच सहित पीएचसी स्तर पर भी आक्सीजन प्लांट लगाने पर काम चल रहा है। एसकेएमसीएच में चार आक्सीजन प्लांट की नींव डाली गई है। 15 अगस्त तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। प्लांट निर्माण कार्य को गति देने के लिए परिसर में बिहार मेडिकल सर्विसेस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) का कार्यालय खुल गया है। बीएमएसआइसीएल के अधिकारी व कर्मी दिनरात निर्माण काम में लगे हुए हैं। इसके साथ एसकेएमसीएच में भवन, नाला एवं अन्य निर्माण की जवाबदेही भी बीएमएसआइसीएल पर है। 

एसकेएमसीएच में इस तरह फैल रहा ऑक्सीजन प्लांट का जाल

एसकेएमसीएच परिसर में सेना की ओर से संचालित डीआरडीओ के कोविड केयर सेंटर में रखे गए क्रायोजनिक आक्सीजन टैंक लग रहा है। इसकी क्षमता 20 टन है। यह प्लांट तैयार हो चुका है और पाइप लाइन अस्पताल तक पहुंच गया है। लाइसेंस लेने की प्रक्रिया चल रही है। इसे 31 जुलाई तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ पेट्रोलियम मंत्रालय के सहयोग से 100 ङ्क्षसलेंडर क्षमता वाला प्लांट लग रहा है। इसके लिए जमीन चयन व निर्माण काम प्रारंभ है। इसके साथ ट्रामा सेंटर के ऊपर 30 बेड का अस्थायी वार्ड बन रहा है। इसमें न्यूरो सर्जरी व केमोथेरेपी से जुड़े मरीजों को भर्ती करने की सुविधा रहेगी। यहां पर भी आटोमेटिक आक्सीजन उत्पादन मशीन लगाने की योजना है। इससे प्रतिदिन 10 सिलेंडर आक्सीजन का उत्पादन होगा। इससे इस वार्ड में भी आक्सीजन को लेकर होने वाली परेशानी दूर होगी। इसके अलावा 150 आक्सीजन कंसेंटेटर की आपूर्ति हुई है। ये मरीज के पास लगाए जाएंगे। यह हवा से पांच लीटर प्रति मिनट के हिसाब से आक्सीजन तैयार कर लेगा। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डा.बीएस झा ने बताया कि इस बार ऑक्सीजन को लेकर परेशानी रही। आने वाले दिनों में नहीं होगी। कोरोना या दूसरे मरीजों के इलाज में इसका लाभ मिलेगा। अधीक्षक ने कहा कि 15 अगस्त तक सभी आक्सीजन प्लांट काम करने लगेंगे। यह लक्ष्य लेकर तैयारी चल रही है।

सदर से लेकर पीएचसी तक लग रहा प्लांट

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि सदर अस्पताल की तरह यूनिसेफ की ओर से पारू, कांटी और सकरा पीएचसी में आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इसमें प्राकृतिक हवा से खुद आक्सीजन बनेगी और पाइपलाइन से वार्ड में आपूर्ति की जाएगी। एसकेएमसीएच अधीक्षक डा.बीएस झा ने कहा कि एसकेएमसीएच में चार स्तर पर आक्सीजन प्लांट लगाने का काम चल रहा है। अभी बाहर की एजेंसी से 250 से 300 सिलेंडर लाकर इलाज हो रहा। कोरोना संक्रमण के समय 500 सिलेंडर तक जरूरत थी, लेकिन अब बाहर से आक्सीजन की जरूरत नहीं होगी।  

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