एक्सप्रेशनल निमोनिया से मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में एक बच्चे की मौत, 65 नए भर्ती
सिविल सर्जन ने बताया कि वह पीकू वार्ड में ही भर्ती था जिस वार्ड में वायरल बुखार व ब्रोंकाइटिस के मरीज भर्ती हैं। डाटा आपरेेटर ने गलती से वायरल फीवर के कालम में उसकी इंट्री कर दी थी। छानबीन में बात सामने आई कि वह एक्सप्रेशनल निमोनिया से पीडि़त था।
मुजफ्फरपुर, जासं। वायरल बुखार व ब्रोंकाइटिस पीडि़त बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार को एसकेएमसीएच में 70 व केजरीवाल अस्पताल में 25 बच्चों को भर्ती कराया गया। इस बीच एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली निवासी अमित कुमार (11 वर्ष) की एक्सप्रेशनल निमोनिया से मौत हो गई। उसे दो दिन पहले गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था। सिविल सर्जन ने बताया कि वह पीकू वार्ड में ही भर्ती था, जिस वार्ड में वायरल बुखार व ब्रोंकाइटिस के मरीज भर्ती हैं। डाटा आपरेेटर ने गलती से वायरल फीवर के कालम में उसकी इंट्री कर दी थी। देर रात छानबीन में यह बात सामने आई कि वह एक्सप्रेशनल निमोनिया से पीडि़त था।
अभी एसकेएमसीएच में 115 तो केजरीवाल में 82 बच्चों का इलाज चल रहा है। बीते कुछ दिनों में रोटावायरस, इन्फ्लुएंजा वायरस, राइनोवायरस समेत अन्य वायरस का प्रभाव बढ़ा है। इसकी चपेट में आकर ज्यादातर बच्चे बीमार हो रहे हैं। पीडि़त बच्चों में निपाह के साथ डेल्टा प्लस के लक्षण पर नजर है। हालांकि अब तक भर्र्ती बच्चों में निपाह या डेल्टा प्लस के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। आइडीएसपी के राज्य निरीक्षण पदाधिकारी डा.रंजीत कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर के दोनों प्रमुख शिशु रोग अस्पताल प्रबंधन से कहा गया है कि बीमारी बच्चों की जांच गंभीरता से करें। अगर किसी भी बच्चे में निपाह या डेल्टा पल्स का लक्षण दिखाई दे तो उसकी तुरंत जांच कराई जाए। उन्होंने माना कि अभी यह बिल्कुल वायरल बुखार ही है।
बीमार बच्चों के हर एक्शन पर नजर
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि अभी किसी दूसरी बीमारी के कोई लक्षण बीमार बच्चों में नहीं हैं। अभी जो बच्चे भर्ती हैं वह वायरल बुखार व ब्रोंकाइटिस से पीडि़त हैं। चार से पांच दिन में वह स्वस्थ हो रहे हैं। बिना लक्षण निपाह या डेल्टा पल्स की जांच क्यों होगी। वैसे रोज 20-25 स्वस्थ होकर जा रहे हैं तो उस तरह से नए मरीज आ भी रहे हैं। डा.सहनी ने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश डेल्टा प्लस के मामले आने की सूचना है। लेकिन यहां पर अभी वैसी बात नहीं है। जो बच्चे गंभीर हालत में आ रहे हैं उनके प्राथमिक उपचार में आक्सीजन और नेबुलाइजर बेहतर साबित हो रही हैं। जितनी संख्या में बच्चे स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी ले रहे हैं। उससे अधिक बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। पीडि़त बच्चों में खांसी, बलगम के साथ सांस नली में सूजन की समस्या आ रही है। बच्चों में नाक बहना, सीने में दर्द और जकडऩ, बुखार और ठंड लगने जैसे लक्षण भी नजर आते हैं। केजरीवाल अस्पताल के केयर टेकर रंजन मिश्रा ने बताया कि उनके यहां वायरल बुखार व ब्रोंकाइटिस से पीडि़त 82 का इलाज चल रहा है। बुधवार को 20 बच्चे स्वस्थ होकर गए। 25 नए भर्ती हुए हैं। इलाज के लिए 15 चिकित्सकों की टीम है। 24 घंटे चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ की तैनाती है।