तीसरी लहर के लिए न पुख्ता इंतजाम न फंड, नियम और तरीका भी मनमाना

सीतामढ़ी। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता से हर कोई वाकिफ है। इसे याद करके आज भी क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:07 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:07 PM (IST)
तीसरी लहर के लिए न पुख्ता इंतजाम न फंड, नियम और तरीका भी मनमाना
तीसरी लहर के लिए न पुख्ता इंतजाम न फंड, नियम और तरीका भी मनमाना

सीतामढ़ी। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता से हर कोई वाकिफ है। इसे याद करके आज भी कलेजा कांप उठता है। दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। सारे दावे खोखले साबित हुए थे। विशेषज्ञों ने अब तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर दी है। दूसरी लहर के दौरान लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का जो खामियाजा भुगतना पड़ा था, वह तीसरी लहर के दौरान नहीं झेलना पड़े इसको लेकर दावे तो बड़े-बड़े हैं पर जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट नजर आता है। न पुख्ता इंतजाम दिख रहा न फंडिग है, नियम और तरीका भी मनमाना ही है। करीब साढ़े तीन लाख की आबादी के स्वास्थ्य का दारोमदार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परिहार पर निर्भर है। इस केंद्र पर तीसरी लहर को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही। स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि इसको लेकर न तो कोई फंड है और न कोई निर्देश आया है। लिहाजा सब कुछ आम दिनों की तरह ही चल रहा है।

-- अस्पताल में आज तक एक भी कोरोना मरीज का इलाज नहीं

बता दें कि आज तक एक भी कोरोना मरीज के इलाज के लायक यह अस्पताल सक्षम नहीं हो पाया है। यहां सिर्फ कोविड जांच एवं वैक्सीनेशन का काम ही हो पाता है। इलाज के लिए मरीजों को डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर, सीतामढ़ी भेजा जाता है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, वैसे मरीजों को दवा का कीट देकर होम आइसोलेशन में भेज दिया जाता है।

-- न मास्क की चिता न सैनिटाइजर की व्यवस्था : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक स्वचालित सैनिटाइजर मशीन लगी है। मगर, मशीन में सैनिटाइजर नहीं होने के कारण यह केवल शोभा का वस्तु बनकर रह गई है। यही नहीं अस्पताल में आए अधिकतर लोग बिना मास्क के दिखे। यहां फिजिकल डिस्टेंसिग मेंटेन करने के लिए गोल घेरा तो जरूर बना है लेकिन, उस घेरे में शायद ही कोई खड़ा होता हो। बेपरवाही भारी पड़ रही है।

-- टीकाकरण केंद्रों पर जरूरी है भीड़ का नियंत्रण कोरोना टीकाकरण केंद्रों में टीकाकरण के लिए भारी भीड़ देखी जा रही है, जो फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करने के अनिवार्य निर्देशों के विपरीत है। इस संवेदनशील समय में टीकाकरण के लिए उमड़ती भारी भीड़ से भी खतरा बढ़ गया है। लोगों को घंटों लाइन में खड़े होना पड़ रहा है। इस तरह घंटों लाइन में खड़े रहने और भीड़ बढ़ने से तो कोविड का खतरा और बढ़ेगा।

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-- प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आरपी शाही का कहना है कि तीसरी लहर को लेकर तैयारी पूरी है। तीन बेड बढ़ाया गया है। चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। वैसे उन्होंने कहा कि अपने यहां फिलहाल तीसरी लहर की संभावना नहीं है। दूसरे राज्यों में संक्रमण बढ़ने के बाद जब लोग वहां से लौट आएंगे तब अपने यहां संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। मास्क के लिए लोगों की लापरवाही गिना रहे हैं। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने एवं फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करने का आग्रह किया।

एक्सपर्ट की राय-यहीं हाल रहा तो हालात पर काबू पाना होगा बेहद मुश्किल

देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर, दूसरी लहर की तरह ही बेहद खतरनाक हो सकती है। एक्सप‌र्ट्स की राय है कि दूसरी लहर से सीख लेकर अभी से मुकम्मल तैयारी रहनी चाहिए ताकि, कोरोना की तीसरी लहर पर काबू पाया जा सके। चुनौतियां तमाम हैं। यहीं हाल रहा तो हालात पर काबू पाना इस बार भी मुश्किल होगा। सभी मानव संसाधनों को कोविड-19 से लड़ाई के लिए तैयार करना चाहिए। इस लड़ाई के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन भी होने चाहिए। सभी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं जैसे एंबुलेंस, ऑक्सीजन, •ारूरी दवाओं और अस्पताल में इलाज की कीमत पर सीमा निर्धारित होनी चाहिए। यह वह समय है कि सिर्फ कोरोना से आदमी नहीं मर रहा है, बल्कि स्वस्थ्य और फिट न रहने के चलते कोरोना जैसे वायरस का मुकाबला नहीं कर पा रहा है और नुकसान हो रहा है। अस्पतालों के पास बच्चों के इलाज के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं हैं, जिन्हें करना बेहद जरूरी है। कई डॉक्टर्स और एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है, लेकिन फिलहाल जल्द से जल्द कोरोना महामारी की तीसरी लहर की तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि ये वायरस भविष्य में किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।

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