अब दरभंगा के कार्यपालक अभियंता पर कसने लगा शिकंजा, गाड़ी व आवास से मिले थे 67 लाख

मुख्यमंत्री सचिवालय ने विजिलेंस के प्रधान सचिव को दिया निर्देश 28 अगस्त को प्रभारी अधीक्षण अभियंता की गाड़ी व आवास से हुई थी 67 लाख रुपये की बरामदगी एफडीआर योजना की होगी जांच भुगतान पर रोक ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 11:48 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 11:48 AM (IST)
अब दरभंगा के कार्यपालक अभियंता पर कसने लगा शिकंजा, गाड़ी व आवास से मिले थे 67 लाख
मुख्यमंत्री सचिवालय ने विजिलेंस के प्रधान सचिव को आदेश दिया है। फाइल फोटो

दरभंगा, जासं। दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग टू के कार्यपालक अभियंता सह प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के पास से 67 लाख की बरामदगी मामले में शिकंजा कसने लगा है। कार्यपालक अभियंता सहित सभी कनीय अभियंताओं की संपत्ति की जांच आर्थिक अपराध इकाई करेगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय ने विजिलेंस के प्रधान सचिव को आदेश दिया है। साथ ही की गई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है। इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। 

15 सितंबर को जारी पत्र में मुजफ्फरपुर जिले के कुढऩी थाना कांड संख्या 663/21 का उल्लेख किया गया है। प्राथमिकी प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार से जुड़ी है। प्राथमिकी में दर्ज सूचना के अतिरिक्त मुख्यमंत्री सचिवालय ने एफडीआर योजना की जांच करने और भुगतान पर रोक लगाने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया है। बताया गया कि दरभंगा अंचल के नौ डिविजन में एफडीआर योजना से लगभग दो सौ करोड़ रुपये काम हुआ है। बहेड़ी के ठाठोपुर निवासी रङ्क्षवद्रनाथ ङ्क्षसह ङ्क्षचटू ने विभाग में चल रही अनियमितता और संबंधितों की संपत्ति की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री के यहां आवेदन दिया था।

जमानत पर हैं अधीक्षण अभियंता

प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार स्कार्पियो से 28 अगस्त को पटना जा रहे थे। इस बीच मुजफ्फरपुर के कुढऩी थाने के फकुली ओपी पुलिस ने वाहन जांच दौरान उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने दरभंगा आवास सहित पटना के दो घरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान दरभंगा के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के बरहेता रोड स्थित उनके आवास से 49 लाख रुपये के साथ लगभग दो दर्जन संपत्तियों के दस्तावेज, डायरी, लैपटाप, बाउंड, सादा स्टाम्प पेपर आदि बरामद किए गए थे। मुजफ्फरपुर पुलिस ने सभी दस्तावेजों और लैपटाप को आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया था। प्रभारी अधीक्षण अभियंता के खिलाफ मुजफ्फरपुर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर 31 अगस्त को जमानत पर छोड़ दिया था। अनिल कुमार ने बदामद रुपये के बारे में अब तक जानकारी नहीं दी है।  

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