अब भारत के जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक ट्रेन चलने की बढ़ी उम्मीद
नेपाल में नई सरकार बनने के बाद 10 दिन पहले किया गया स्पीड ट्रायल। नेपाल रेलवे कोंकण रेलवे से 52 करोड़ में पांच डिब्बों वाली एक जोड़ी डेमू टे्रन की खरीद कर चुका है। पिछले साल सितंबर में इसे उपलब्ध करा दिया। कोंकण रेलवे प्रशिक्षण भी दे चुका है।
जयनगर (मधुबनी), राघवेंद्र झा। नेपाल में शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद जयनगर से जनकपुर होकर कुर्था तक (35 किलोमीटर) ट्रेन शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। इस रेललाइन पर परिचालन शुरू करने के लिए 18 जुलाई को स्पीड ट्रायल भी किया गया। अब नेपाल से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। भारत के जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक वर्ष 2014 तक छोटी लाइन पर ट्रेनों का परिचालन होता था। भारत सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत वर्ष 2010 में इसे बड़ी लाइन में बदलने की योजना बनाई। जयनगर से बर्दीबास तक (65 किमी) काम करने का निर्णय लिया गया। जिम्मेदारी भारत सरकार के उपक्रम इरकान इंटरनेशनल को दी गई। वर्ष 2014 में निर्माण शुरू हुआ। 2019 तक काम पूरा करना था। शुरुआत में लागत 540 करोड़ थी, जिसे बढ़ाकर 819.10 करोड़ कर दिया गया है।
प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक रेललाइन बिछाने का कार्य दो साल पहले पूरा हो गया था। इस दूरी में पांच स्टेशन (जयनगर, इनरवा, खजूरी, वैदेही और कुर्था) और तीन हाल्ट (महिनाथपुर, परवाहा और जनकपुर) बनाए गए हैं। नेपाल रेलवे कोंकण रेलवे से 52 करोड़ में पांच डिब्बों वाली एक जोड़ी डेमू टे्रन की खरीद कर चुका है। पिछले साल सितंबर में इसे उपलब्ध करा दिया। कोंकण रेलवे नेपाल के 200 कर्मियों को परिचालन व रखरखाव का प्रशिक्षण भी दे चुका है। सिर्फ नेपाल से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। पिछले दिनों नेपाल में नई सरकार बनने के बाद उम्मीद जगी है। इसी क्रम में 18 जुलाई को इस रेलखंड पर स्पीड ट्रायल किया गया। पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर के डीआरएम ने इस दौरान निरीक्षण भी किया था।
नेपाल के जनता समाजवादी पार्टी के कार्यकारिणी सदस्य राजीव झा का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार के कारण रेल परिचालन में देरी हुई। नई सरकार में उम्मीद जगी है। अभी जयनगर से जनकपुर जाने में बस से तीन से चार घंटे लगते हैं। 300 नेपाल रुपये खर्च करने पड़ते हैं। ट्रेन से समय आधा हो जाएगा, जबकि सामान्य किराया 75 नेपाली रुपये होगा। इरकान के परियोजना प्रबंधक रवि सहाय का कहना है कि स्पीड ट्रायल हो चुका है। शीघ्र ही नेपाल रेलवे को यह रेलखंड हैंडओवर कर दिया जाएगा।