अब मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में भी कैंसर मरीजों की बायोप्सी की कवायद

अभी सदर अस्पताल के ओपीडी में जो मरीज आ रहे हैं सभी की कैंसर जांच की जा रही है। जिन मरीजों को बायोप्सी की जरूरत है उन्हेंं सप्ताह में एक दिन बुलाकर आपरेशन किया जाएगा। सीएस ने बताया कि नई व्यवस्था से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 06:31 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 06:31 AM (IST)
अब मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में भी कैंसर मरीजों की बायोप्सी की कवायद
होमी भाभा कैंसर इंस्टीट्यूट के चिकित्सक इसके लिए सीएस से मिले।

मुजफ्फरपुर, जासं। सदर अस्पताल में भी कैंसर पीडि़त मरीजों के बायोप्सी आपरेशन की कवायद शुरू है। यहां ओटी की सुविधा मिल गई तो शहर व बाहर से आने वाले मरीजों को काफी सहूलियत होगी। होमी भाभा कैंसर इंस्टीट्यूट के चिकित्सक इसके लिए सीएस से मिले। उनसे आपरेशन थिएटर देने की मांग की। बताया कि सोमवार या शुक्रवार को बायोप्सी के लिए आपरेशन थिएटर सुरक्षित किया जाए। इस पर सीएस ने बताया कि जल्द ही वह उपाधीक्षक संग बैठक कर तिथि निर्धारित कर देंगे। 

अभी सदर अस्पताल के ओपीडी में जो मरीज आ रहे हैं सभी की कैंसर जांच की जा रही है। जिन मरीजों को बायोप्सी की जरूरत है, उन्हेंं सप्ताह में एक दिन बुलाकर आपरेशन किया जाएगा। सीएस ने बताया कि नई व्यवस्था से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।

सदर अस्पताल में पैथोलाजी जांच बाधित, हंगामा

जासं, मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में केमिकल व वायल नहीं रहने से शनिवार को पैथोलाजी जांच ठप हो गई। उसके बाद मरीजों ने हंगामा किया। 200 से अधिक मरीज बिना जांच कराए वापस हुए। मरीजों के आक्रोश को देख पैथोलाजी विभाग का कक्ष बंद कर कर्मी निकल गए। कर्मियों ने बताया कि जांच के लिए ब्लड सैंपल रखने वाली वायल और केमिकल नहीं है। इससे मधुमेह जांच करने भी स्थिति नहीं है। इसकी सूचना उपाधीक्षक को दी गई है। पूर्व से ही किडनी, लीवर व यूरिन की जांच सही से नहीं हो रही है। अब केमिकल व वायल नहीं होने से मुश्किल से दस मरीजों का सैंपल लिया जा सका। उपाधीक्षक डा.एनके चौधरी ने बताया कि केमिकल व वायल दी जा रही है। सोमवार से सुविधा बहाल हो जाएगी।  

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अब बच्चों का एप से होगा इलाज

मुजफ्फरपुर : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाले बच्चों का एप से इलाज होगा। बिहार के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जिले के चार प्रखंडों का चयन किया गया है। इसमें बंदरा, गायघाट, कांटी व सरैया प्रखंड शामिल हैैं। यहां के कम्युनिटी हेल्थ आफिसर का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा.एके शाही, सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा, डीपीएम बीपी वर्मा व जिला मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर कुमार आदि थे।

इलाज में होगी सहूलियत, रेफर संस्कृति पर लगेगी लगाम

नार्वे इंटरनेशनल पार्टनरशिप इनिसिएटिव यानी निपपी संगठन के माध्यम से कार्यशाला में नए एप डिजीज स्पोर्ट सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि नए एप में बच्चों के इलाज का ट्रीटमेंंट प्रोटोकाल रहेगा। इसके आधार पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर इलाज होगा। किस बीमारी का क्या प्रारंभिक इलाज व किस तरह की दवा देनी है यह एप गाइड करेगा। उसके बाद कब रेफर करना है उसकी गाइडलाइन भी मिलेगी। सीएस ने बताया कि पांच पीएचसी के 13 हेल्थ एडं वेलनेस सेंटर के प्रभारी को प्रशिक्षण दिया गया है। इलाज के बाद सभी से समय-समय पर नए सिस्टम को लेकर फीडबैक लिया जाएगा। उसके बाद राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद इस तरह की सेवा पूरे जिले के साथ राज्य स्तर पर भी मिलेगी।

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