अब पश्चिम चंपारण में जेल से निकलते समय अंगूठा लगाने की जगह हस्ताक्षर करेंगे बंदी, जानिए क्या हुई है व्यवस्था...

मंडल कारा बेतिया के निरक्षर बंदियों को साक्षर किया जा रहा है। पढ़े-लिखे बंदी निरक्षर बंदियों ङ्क्षहदी और अंग्रेजी में हस्ताक्षर कराना नाम पता लिखना और अखबार पढऩा सिखा रहे हैं। जेल प्रशासन की ओर से उनको पेंसिल किताब कॉपी उपलब्ध कराई जाती है।

By Vinay PankajEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 05:19 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:19 PM (IST)
अब पश्चिम चंपारण में जेल से निकलते समय अंगूठा लगाने की जगह हस्ताक्षर करेंगे बंदी, जानिए क्या हुई है व्यवस्था...
मंडल कारा बेतिया में पढ़ाई करते निरक्षर बंदी (जागरण)

पश्चिम चंपारण (बेतिया), [मनोज कुमार मिश्र]। मंडलकारा बेतिया के बंदी जेल से बाहर निकलते समय अंगूठा का निशान लगाने के बजाय अब हस्ताक्षर करेंगे। जेल के निरक्षर बंदियों को साक्षर किया जा रहा है। पढ़े-लिखे बंदी ही निरक्षर बंदियों को अक्षर ज्ञान दे रहे हैं। उन्हें ङ्क्षहदी और अंग्रेजी में हस्ताक्षर कराना, नाम पता लिखना और अखबार पढऩा सिखा रहे हैं।

जेल में 306 बंदी निरक्षर :

मंडलकारा के डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि जेल में 306 बंदी निरक्षर हैं। जिनमें से 168 को विगत एक माह में हस्ताक्षर करना और नाम पता लिखना सिखा दिया गया है। कोशिश है कि बंदी जब अपने घर को लौटे तो अंगूठा लगाने के बजाय हस्ताक्षर करें। पढ़ाई लिखाई में बंदी भी रुचि लेते हैं। जेल प्रशासन की ओर से उनको पेंसिल, किताब, कॉपी उपलब्ध कराई जाती है।

पढ़ाने में रुचि ले रहे :

जेल के बंदी जितेंद्र चौबे, रमेश कुशवाहा आदि निरक्षर बंदियों को पढ़ाने में काफी रुचि ले रहे हैं। धर्म उरांव, राजकुमार गिरी, धर्म माझी, संजय कुमार, डोमा साह, ओमप्रकाश, रमेश गुप्ता, जगन्नाथ धांगड़ सहित कई निरीक्षर बंदी पढऩा-लिखना सीख चुके हैं। वे अब अखबार भी पढ़ लेते हैं।

दोपहर में चलती है क्लास :

जेल में निरक्षर बंदियों को साक्षर करने के लिए देापहर साढ़े 11 से दो बजे तक क्लास चलती है। विभिन्न वार्डों के पढ़े-लिखे बंदी अपने वार्ड के निरक्षर बंदियों को पढऩा लिखना सिखाते हैं। जबकि कुछ बंदियों की क्लास जेल के पुस्तकालय में चलती है। निरक्षर बंदियों को साक्षर बंदियों के साथ टैग किया गया है। डिप्टी सुपरिटेंडेंट प्रतिदिन बंदियों के शिक्षा ज्ञान और प्रगति का जायजा लेते हैं। डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने बताया कि कोशिश है कि जेल में एक भी बंदी निरक्षर नहीं रहे।

101 बंदी इग्नू से कर रहे पढ़ाई :

इतना ही नहीं, मंडल कारा में बंद 101 बंदी इंदिरा गांधी खुला विश्वविद्यालय के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। इग्नू से पढ़ाई करने वाले में मैट्रिक, इंटर, ग्रेजुएशन के बंदी है। जेल प्रशासन उन्हें हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराता है। मंडलकारा बेतिया में फिलहाल 1404 बंदी है। जिनमें से महिला बंदियों की संख्या 27 है। बंदियों को रखने के लिए जेल में कुल 28 वार्ड हैं।

दिख रहा सार्थक असर :

इस संबंध में मंडल कारा बेतिया के डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय कुमार गुप्ता कहते हैं कि साक्षर बंदियों की मदद से जेल के निरक्षर बंदियों को साक्षर किया जा रहा है। उन्हें अक्षर ज्ञान व पढऩा लिखना सिखाया जा रहा है। इसका काफी सार्थक असर दिख रहा है। कोशिश है कि जेल में एक बंदी भी निरक्षर नहीं रहे।

chat bot
आपका साथी