नेपाल से मुजफ्फरपुर को जोड़ने वाले मझौली-चोरौत एनएच के जमीन अधिग्रहण में अब नया पेच

Muzaffarpur News मझौली-चोरौत एनएच के लिए खादी ग्रामोद्योग और जिला परिषद की जमीन का भी प्रस्ताव सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण के 19 अभिलेख में पाई गईं त्रुटियां विभाग ने किया वापस समाहर्ता से संशोधित कर भेजने का आग्रह।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:28 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:28 AM (IST)
नेपाल से मुजफ्फरपुर को जोड़ने वाले मझौली-चोरौत एनएच के जमीन अधिग्रहण में अब नया पेच
एनएच-527सी के मझौली-चोरौत खंड में जमीन अधिग्रहण को लेकर नया पेच फंसा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले को नेपाल से जोडऩे वाले एनएच-527सी के मझौली-चोरौत खंड में जमीन अधिग्रहण को लेकर नया पेच फंस गया है। जमीन अधिग्रहण के लिए भेजे गए 19 अभिलेख में त्रुटियां पाई गईं हैं। इनमें खादी ग्रामोद्योग संघ, जिला परिषद आदि की भी जमीन है। इसके अलावा कुछ अंश पर मकान आदि निर्मित है। इसके अलावा भी कई तरह की त्रुटियां हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी 19 अभिलेख को वापस कर दिया है। इसे संशोधित कर फिर से भेजने को कहा गया है। मालूम हो कि मझौली चौक से सीतामढ़ी के चोरौत तक जाने वाले एनएच के इस खंड के लिए जिले के 22 राजस्व ग्राम की करीब एक सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसके मुआवजे की प्रक्रिया चल रही है। विवाद वाली जमीन की मुआवजा राशि कोर्ट में जमाकर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के उप सचिव मनोज कुमार झा ने अभिलेख में त्रुटियों को लेकर समाहर्ता को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि अभिलेख में प्रस्तावित भूमि का जल निकाय, सैरात, श्मशान, कब्रिस्तान, अतिक्रमण से मुक्त होने को प्रमाणित नहीं किया गया है। इसके अलावा इसका हस्तांतरण सशुल्क या नि:शुल्क होगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। भूमि के कुछ अंश पर आवासीय मकान, बथान आदि निर्मित है। इसके अलावा प्रखंड स्तर से दुकान भी निर्मित है। कई के खतियान में गैर मजरूआ बिहार सरकार दर्ज है। यह खास है या आम स्पष्ट नहीं है।

खादी ग्रामोद्योग संघ एवं जिला परिषद की जमीन भी प्रस्तावित है, मगर सहमति का दस्तावेज संलग्न नहीं है। एक अभिलेख की जमीन लक्ष्मीनिया देवी के नाम से बंदोबस्त है। उसकी जमाबंदी भी है। इस अभिलेख में जमाबंदी या बंदोबस्त रद करने का प्रमाण संलग्न नहीं है। उप सचिव ने अभिलेख की जांच का आग्रह समाहर्ता से किया है। साथ ही इसे संशोधित कर प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से विभाग को भेजने का आग्रह किया है।

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