शहर से गांवों तक 15 दिन दौड़ती रही आरटीपीसीआर वैन, नहीं मिले नमूने, अब जाएगी समस्तीपुर

जिले में अत्याधुनिक आरटीपीसीआर वैन को कोरोना जांच के लिए संदिग्धों का सैंपल नहीं मिला।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 01:35 AM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 01:35 AM (IST)
शहर से गांवों तक 15 दिन दौड़ती रही आरटीपीसीआर वैन, नहीं मिले नमूने, अब जाएगी समस्तीपुर
शहर से गांवों तक 15 दिन दौड़ती रही आरटीपीसीआर वैन, नहीं मिले नमूने, अब जाएगी समस्तीपुर

मुजफ्फरपुर : जिले में अत्याधुनिक आरटीपीसीआर वैन को कोरोना जांच के लिए संदिग्धों का सैंपल नहीं मिला। शहर से गांवों तक वह 15 दिन दौड़ती रही, लेकिन नमूने नहीं मिले। विभाग की ओर अब फरमान आया है कि उसे समस्तीपुर भेज दिया जाए।

सीएस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले के संदिग्ध मरीजों की अधिक से अधिक कोरोना जांच कराने के लिए मुख्यालय से यह वैन भेजी गई थी। मात्र 10 दिनों तक इसे जिला मुख्यालय से जो सैंपल दिए गए उनकी जांच होने में पखवारा लग गया। रिपोर्ट नहीं मिलने पर सिविल सर्जन ने इसे सैंपल देने पर रोक लगा दी। विभाग के दिए रूट प्लान के अनुसार यह 15 दिनों तक विभिन्न पीएचसी में घूमी, लेकिन काफी कम संख्या में ही इसे सैंपल मिले। मालूम को कि वैन को छह लाख रुपये प्रतिदिन किराये पर भेजा गया था। वहीं, एक हजार नमूनों की प्रतिदिन इससे जांच करने का लक्ष्य था।

जांच वैन आने के साथ ही लगने लगे थे आरोप-प्रत्यारोप

राज्य म़ुख्यालय से जांच वैन आने के पहले दिन ही कोरोना के तत्कालीन नोडल अधिकारी डा.अमिताभ सिन्हा और वैन के लैब इंचार्ज के बीच विवाद शुरू हो गया था। नोडल अधिकारी की ओर से जो सैंपल इसे दिए गए उसकी रिसीविंग नहीं दिए जाने पर नमूने देने से मना कर दिया गया था। इसकी शिकायत वैन के लैब टेक्नीशियन ने पटना की। इस पर पटना से तत्कालीन सिविल सर्जन के पास फोन आने के बाद दोनों के बीच समझौता हुआ और रिसीविग देने के बाद सैंपल दिए जाने लगे। 10 दिनों तक नोडल अधिकारी की ओर से एकत्रित कराए गए संदिग्धों के सैंपल वैन को दिए जाते रहे, लेकिन जब एक पखवारा तक उनकी रिपोर्ट नहीं मिली तो फिर सैंपल देने पर रोक लगा दी गई। एकत्र किए गए नमूनों को जांच के लिए एसकेएमसीएच भेजा जाने लगा। उसके बाद से वैन की गतिविधि धीमी रही।

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