जलजमाव से नहीं मिलेगी मुक्ति, बरसात खत्म होने का करें इंतजार
शहर का अमरूद बगान मोहल्ला एक माह से टापू बना है।
मुजफ्फरपुर : शहर का अमरूद बगान मोहल्ला एक माह से टापू बना है। गन्नीपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय रोड में दो फीट पानी लगा है। वार्ड 29 की पार्षद रंजू सिन्हा का घर टापू बना है। रज्जू साह लेन में रहने वाले दर्जनों परिवार कालापानी की सजा भुगत रहे हैं। वार्ड 27 के चक अब्दुल वाजिद मोहल्ले में लोगों के घरों तक में बारिश का पानी प्रवेश कर गया है। वार्ड 47 की शारदा नगर गली नंबर चार में जलजमाव से बीमार लोग इलाज के लिए चिकित्सक के पास तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। मोतीझील नाम के अनुरूप झील बना है।
शहर के मुख्य चौराहे पानी में डूबे हैं। सदर अस्पताल में भारी जलजमाव है। मरीजों के साथ चिकित्सकों तक को एक फीट पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। शहर में ये हालात बीते एक-डेढ़ माह से बने हैं। बारिश का पानी निकालने में अधिकतर नाले बेदम साबित हो रहे हैं। नाला उड़ाही कर जलजमाव से मुक्ति दिलाने का निगम अधिकारियों का दावा फेल हो चुका है। जमा पानी निकालने में निगम के सफाई कर्मचारी हांफ रहे हैं। जो हालात हैं इससे साफ हो गया है कि इस साल भी शहरवासियों को जलजमाव से मुक्ति नहीं मिलने वाली। अब तो बस सबको बरसात के खत्म होने का इंतजार करना होगा।
वार्ड पार्षद अजय ओझा ने कहा कि नालों की ठीक से उड़ाही नहीं हो पाई, विशेषकर फरदो नाला का। बरसात होने पर नाला का पानी ओवरफ्लो कर सड़क के ऊपर से बहता है। वार्ड पार्षद केपी पप्पू ने कहा कि नाला पर अतिक्रमण कर मकान बना लिए गए हैं। निगम उनसे नहीं निपट पा रहा है। नाला का बहाव बाधित करने वालों पर जब तक निगम सख्त नहीं होगा, समस्या का समाधान नहीं होने वाला। बीते शनिवार को जलजमाव की समस्या को लेकर नगर निगम बोर्ड की बैठक में जमकर चर्चा हुई थी। अधिकतर पार्षदों ने अपनी पीड़ा सुनाई थी। दो घंटे की चर्चा के बाद भी यह तय नहीं हो पाया कि समस्या से निजात को तत्कालीन क्या उपाय किए जाएं?