West champaran : साड़ी का फंदा लगा नवविवाहिता ने कर ली आत्महत्या, परिजनों में कोहराम

West champaran Crime मुजफ्फरपुर मायके से आई मृतका की मां रो रोकर बुरा हाल 15 दिन पहले पति गया केरल कमाने आत्महत्या के कारण का पता नहीं ससुराल में उसकी पुत्री बूढ़ी सास व ननद के साथ रहती थी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 04:51 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 04:51 PM (IST)
West champaran : साड़ी का फंदा लगा नवविवाहिता ने कर ली आत्महत्या, परिजनों में कोहराम
पश्चिम चंपारण में नवविवाहिता ने कर ली आत्महत्या। प्रतीकात्मक तस्वीर

पश्चिम चंपारण (बेतिया), जासं । मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बैद्यनाथपुर गांव में मंगलवार की रात नवविवाहिता पूजा देवी (20) गाले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर पहुंची मुफस्सिल पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दी हैं। घटना का कारण स्पष्ट नहीं है। मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाने के पानापुर गांव निवासी सेवक साह की पुत्री पूजा की शादी  दिसंबर 2020 में बैद्यनाथपुर गांव के सतेंद्र साह से हुई थी। मृतका की मां भूली देवी ने बताया कि उसका दामाद सत्येंद्र करीब 15 दिन पहले मजदूरी करने केरल में गया था। ससुराल में उसकी पुत्री, बूढ़ी सास व ननद के साथ रहती थी। परिजनों ने बताया मंगलवार की दोपहर पूजा की बातचीत अपने पति से हुई। घर में सब कुछ सामान्य था। रात में साड़ी का फंदा बनाकर वह लटक गई।  मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा ने बताया कि सूचना पर जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो परिजनों ने शव को नीचे उतार दिया था।  परिजन फिलहाल घटना के बाबत कुछ नहीं बता पा रहे हैं। परिजनों ने अभी तक कोई आवेदन नहीं दिया है। इस मामले में यूडी केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।

जन संवाद में उठा बाल दुव्र्यवहार का मुद्दा 

 बाल दुव्र्यवहार देश की ज्वलंत विषय है। सरकार एवं श्रम विभाग लगातार इसपर काम कर रही है। उक्त बातें श्रम अधीक्षक शशि कुमार सक्सेना ने कही। वे बुधवार को एक निजी होटल में बाल दुव्र्यवहार के खिलाफ जन जागरूकता अभियान के लिए जन संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण लोग अपने बच्चों के जरिए कमाना चाहते हैं। ऐसे मानसिकता वाले लोगों पर भी सरकार संज्ञान ले रही है। उनपर कार्रवाई की जा रही है। धावा दल व श्रम विभाग के द्वारा इसके लिए टीम गठित किया गया हैं, जो दुकान, ढाबा एवं गैरेज में काम कर रहे बच्चों को मुक्त कराने के बाद नियोजक पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अभय कुमार ने कहा कि बाल शोषण, बाल तस्करी की रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी है। इस तरह के आयोजन होनी चाहिए, जिससे की लोगों में जागरूकता बढ़े। आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ. निरुपमा कुमारी ने कहा कि बाल दुव्र्यवहार से निपटने का सही उपाय यही हैं कि उसके खिलाफ संवाद और जागरूकता कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाए। 

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