Sitamarhi news ; नेपाली महिला ने बॉर्डर पर जना जुड़वा बच्चा, एसएसबी जवानों ने दिखाई मानवता

सरहद पार कर हिंदुस्तान अपने मायका आ रही एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से बॉर्डर पर तड़पने लगी। ड्यूटी में तैनात बसबिट्टा बीओपी के जवानों की नजर इस महिला पर पड़ी और वे मदद के लिए दौड़ पड़े।

By DharmendraEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 03:00 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 03:00 PM (IST)
Sitamarhi news ; नेपाली महिला ने बॉर्डर पर जना जुड़वा बच्चा, एसएसबी जवानों ने दिखाई मानवता
एसएसबी-20वीं बटालियन के बसबिट्टा बीओपी के जवानों ने पीड़ा से कराहती महिला की मदद कर मानवता की पेश की मिसाल।

सीतामढ़ी, जेएनएन । सरहद की सुरक्षा में तैनात एसएसबी 20वीं बटालियन के जवानों ने शुक्रवार को फर्ज के साथ मानवता की मिसाल भी पेश की। सरहद पार कर हिंदुस्तान अपने मायका आ रही एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से बॉर्डर पर तड़पने लगी। ड्यूटी में तैनात बसबिट्टा बीओपी के जवानों की नजर इस महिला पर पड़ी और वे मदद के लिए दौड़ पड़े। तब तक महिला ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। कुछ ही देर में महिला ने दूसरे बच्चे को भी जन्म दिया।

महिला की मदद के साथ उसको उसके घर सुरक्षाति पहुंचाने के लिए जवानों ने कैंप से अपनी गाड़ी मंगवाई। दो महिलाओं के साथ प्रसूता को उसके घर भलुअहिया भिजवाई। कमांडेंट तपन कुमार दास ने उन जवानों की प्रशंसा की। कहा कि शुक्रवार शाम पांच बजे के करीब बाला लङ्क्षखदर राम की पत्नी शांति देवी (ग्राम भलुअहिया) नेपाल से भारत अपने मायके आ रही थी।

बॉर्डर पिलर संख्या- 331/14 के पास सिजवा गांव से होकर उसको अपने घर आना था। उस दौरान गर्भवती महिला को ज्यादा तकलीफ होने पर ओपी ड्यूटी में तैनात जवान से खबर कैंप के जवानों को खबर मिली। दो जवान मदद में दौड़े। तब तक एक बच्चे का जन्म हो गया था। फिर कुछ ही देर में दूसरे बच्चे ने जन्म लिया। उनको गाड़ी न मिलने पर अपनी सरकारी गाड़ी से अन्य दो महिला और उनके भाई के साथ घर सुरक्षित पहुंचा दिया।

 बॉर्डर पर बैरिकेड खोलकर मदद नहीं करते तो हो जाती देर
प्रसव पीड़ा से कराहती महिला की बड़ी विषम परिस्थितियों में जवानों ने मदद की। कमांडेंट ने बताया कि महिला प्रसव के लिए नेपाल से ऑटो रिक्शा से अकेले अपने मायके आ रही थी। ऑटो रिक्शा ने बॉर्डर की उस जगह महिला को उतार दिया जहां से सीमा सील होने के चलते आगे नहीं बढऩा था। कहमारे जवान उस महिला को प्रसव पीड़ा से कराहते हुए देखकर दौड़े। उन्होंने बैरिकेड को खोल दिया और महिला को अंदर ले आए। वह जमीन पर गिर पड़ी। जवानों ने आसपास के घरों की महिलाओं से मदद मांगी। महिलाएं मदद को आईं। जिसके चलते महिला का सुरक्षित प्रसव हो सका और जच्चा-बच्चा दोनों की ङ्क्षजदगी बच गई। बसबिट्टा के कंपनी कमांडर मौके पर पहुंचे और महिला को उसके घर पहुंचवाया। 
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