भारतीय बड़े नोटों पर प्रतिबंध से सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाली बड़े नोटों की बढ़ी मांग

नेपाल जाने वाले लोग स्थानीय दुकानों से बदल रहे भारतीय रुपये के बदले नेपाली मुद्रा, दोनों देशों के व्यापार पर पडऩे लगा असर

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 16 Dec 2018 09:17 PM (IST) Updated:Sun, 16 Dec 2018 09:17 PM (IST)
भारतीय बड़े नोटों पर प्रतिबंध से सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाली बड़े नोटों की बढ़ी मांग
भारतीय बड़े नोटों पर प्रतिबंध से सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाली बड़े नोटों की बढ़ी मांग

पूर्वी चंपारण, [विजय कुमार गिरि]। नेपाल में भारतीय 200, 500 और 2000 के नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में एक सौ और पचास रुपये के नोटों की मांग बढ़ गई है। इसका असर पर्यटन और व्यापार पर दिखने लगा है। बैंकों में या साहुकारों के पास पहुंचे लोगों से बात की गई तो पता चला कि ये लोग 200, 500 तथा दो हजार के नोट जमा कर रहे हैं और 100 व 50 के भारतीय नोट मांग रहे है। वहीं नेपाल जाने वाले लोग गिरफ्तारी के डर से इस प्रतिबंधित भारतीय रुपये के बदले नेपाली पांच सौ व एक हजार के नोट बदल रहे हैं।

     टेक्सटाइल चैंबर आफ कॉमर्स के महासचिव विमल रूंगटा, सचिव आलोक श्रीवास्तव, सर्राफा संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश सर्राफ, चैंबर आफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष ध्रुव नारायण श्रीवास्तव उर्फ बड़ाबाबू ने कहा कि नेपाल द्वारा भारतीय नोटों पर लगाए गए प्रतिबंध का दूरगामी परिणाम होगा। इसका असर दिखने लगा है। नेपाल जाने वाले पर्यटक और नेपाल से रक्सौल आने वाले नेपाली नागरिकों के समक्ष रुपये को लेकर संकट उत्पन्न हो गया है। भारत-नेपाल के बीच ऐतिहासिक संबंध है।

  धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों का संबंध काफी पुराना है। नेपाल के तीर्थस्थलों पर भारत के विभिन्न संप्रदाय के लोग और नेपाल के विभिन्न संप्रदाय के लोग तीर्थ स्थलों पर आते जाते रहते हैं। इस पाबंदी के बाद भारतीय सौ, पचास, बीस व दस के नोटों का मांग बढ़ा है। जिसे अब भारतीय सौ पचास के नोट के भंडारण में सीमावर्ती क्षेत्र के व्यापारी लगे हैं। इस कारण भारतीय और नेपाली बाजारों में पर्यटकों के आवागमन अचानक ठहर सा गया है। इधर नेपाल के फैसले के बाद से भारतीय छोटे नोट का कालाबजारी शुरू हो गया है। हालांकि शहर के विभिन्न बैंकों के अधिकारियों ने बताया की इस संबंध हम अधिकृत रूप से कुछ नहीं बोल सकते हैं। नेपाल में नोटबंदी का असर पड़ेगा। भारतीय सौ, पचास, दस और बीस की नोटों की मांग बढ़ सकती है। इसके लिए बैंकों को तैयारी रखने का सुझाव दिया।

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