Paschim Champaran: सीमा सील होने से परेशान हैं नेपाल के होटल व्यवसायी, सीमा खोलने की उठ रही मांग

West champaran News भारत - नेपाल सीमा सील होने से नेपाल के नवलपरासी जिले के होटल व ढ़ाबा व्यवसायी परेशान हैं उनके सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है । भारतीय पर्यटकों पर आश्रित रहते हैं नेपाल के व्यवसायी।

By Murari KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:44 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:44 PM (IST)
Paschim Champaran: सीमा सील होने से परेशान हैं नेपाल के होटल व्यवसायी, सीमा खोलने की उठ रही मांग
नेपाल के नवलपरासी में नो मेंस लैंड पर बंद पड़ी दुकानें व ढ़ाबा

बगहा (पश्चिम चंपारण), जासं। भारत-नेपाल सीमा सील होने से नेपाल के नवलपरासी जिले के होटल व ढ़ाबा व्यवसायी परेशान हैं। उनके सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है। 23 मार्च 2020 को लॉक डाउन के बाद वाल्मीकिनगर में भारत-नेपाल सीमा को सील कर दिया गया। नवलपरासी का होटल व्यवसाय भारतीय पर्यटकों पर आश्रित है। नो मेंस लैंड के करीब दर्जनों की संख्या में होटल व ढ़ाबा हैं।

नवलपुर होटल व्यवसाय संघ के अध्यक्ष संतोष राणा मगर ने बताया कि लॉक डाउन और सीमा सील हो जाने से दोहरी मार झेलने पर मजबूर हैं । अपने परिवार का गुजारा करने के लिए उन्हें विभिन्न सहकारी संस्थाओं से कर्ज भी लेना पड़ रहा है। 20 वर्षों से नो मेंस लैंड के करीब होटल चला रहीं सावित्री गुरुंग का कहना है कि लड़की की शादी के लिए बचा कर रखा हुआ पैसा भी दैनिक जरूरत को पूरा करने में ही खर्च हो गया। अब तो आगे के जीवन यापन के लिए सहकारी संस्थाओं से कर्ज लेना पड़ेगा। एक और होटल की मालकिन अनु थापा ने बताया कि बच्चों के स्कूल बंद हैं। फिर भी स्कूल फीस देना पड़ रहा है। अब तो राशन दुकान वालों ने भी राशन उधार देने से मना कर दिया है। वहीं गंडक बराज के पास त्रिवेणी जाने वाले रास्ते में किराना दुकान चलाने वाले चंदन मिश्रा ने बताया कि सरकार को सीमा को खोल देना चाहिए।

नारायणी नदी में आई बाढ़ से नवलपरासी जिले के कई गांव जलमग्न

पहाड़ों पर सोमवार से लगातार हो रही बारिश से नेपाल के नारायणी नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हो गई है। जिसके कारण गंडक बराज से सटे सीमावर्ती नेपाल के नवलपरासी जिला के करीब दो दर्जन गांव जलमग्न हो गए हैं। नारायणघाट के देवघाट मे नारायणी नदी मे जलस्तर खतरों के लेबल को पार कर जाने से गंडक बराज में चार लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी आ गया। जिससे गंडक बराज के सभी फटकों को उठा दिया गया है।

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