पूर्वी चंपारण सीएस कार्यालय की लापरवाही, स्थानांतरित स्वास्थ्यकर्मी की भी लगा दी ड्यूटी
हद तो यह है कि विभाग द्वारा स्थानांतरित एवं पूर्व से विरमित स्टाफ ए ग्रेड नर्स समेत लगभग एक दर्जन स्वास्थ्य कर्मियों पर अनुपस्थित रहने का आरोप लगाते हुए उन्हें स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया गया है ।
मोतिहारी, जासं। सीएस कार्यालय में लगातार बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा स्वास्थ्यकर्मियों को भुगतना पड़ रहा है। ताजा मामला गत 17 सितंबर को संपन्न हुए कोरोना टीकाकरण के महाभियान से जुड़ा है। बताते हैं कि सीएस कार्यालय द्वारा महाभियान में ऐसे स्वास्थ्यकर्मी की भी ड्यूटी लगा दी गई थी, जिसका स्थानान्तरण पहले ही दूसरे जिला में हो चुका है। फिलहाल वह कर्मी यहां से विरमित होकर स्थान्तरण वाले जिले में कार्यरत है। हद तो यह है कि विभाग द्वारा स्थानांतरित एवं पूर्व से विरमित स्टाफ ए ग्रेड नर्स समेत लगभग एक दर्जन स्वास्थ्य कर्मियों पर अनुपस्थित रहने का आरोप लगाते हुए उन्हें स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया गया है।आश्चर्य की बात है कि सीएस कार्यालय द्वारा ए ग्रेड स्टाफ नर्सों को स्थानांतरण के बाद 06 सितंबर को दूसरे जिलों के लिए विरमित किया गया था और वे दूसरे जिलों में योगदान कर कार्यरत हैं। दूसरे जिलों में कार्यरत ऐसे ए ग्रेड स्टाफ नर्सों को ड्यूटी में लगाने के बाद पुनः उन्हें अनुपस्थित रहने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी करना घोर लापरवाही को दर्शाता है। क्योंकि इस बाबत ना तो सीएस कार्यालय ने क्रॉस चेक किया और न ही सिविल सर्जन ने भी इस पर तवज्जो देने की जहमत उठाई। आंख मूंदकर सीएस भी हस्ताक्षर करते रहे। तुर्रा यह कि मेगा कैंप में अनुपस्थित रहने का आरोप लगाते हुए अन्य स्टाफ नर्सों के साथ दूसरे जिलों में पदस्थापित ऐसे स्टाफ नर्सों के नाम कार्रवाई के लिए डीएम कार्यालय को भी भेज दिया गया है।
इधर स्वास्थ्यकर्मियों के बीच दबी जुबान यह भी चर्चा है कि स्पष्टीकरण का यह सारा खेल ब्लैक मेलिंग एवं अवैध उगाही के लिए किया जाता है। इधर विभाग के इस लापरवाही भरे रवैये से महिला स्वास्थ्यकर्मियों में आक्रोश व्याप्त है। इधर मामले को लेकर महिला स्वास्थ्यकर्मी रचना कुमारी, शिखा कुमारी, ओजस्वी कीर्ति, गुड्डी बादल ने जिलाधिकारी को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा गया है कि टीकाकरण के महाभियान के दिन वे निर्धारित स्थल पर पहुंच गई थी। उनको मिलाकर कुल 9 स्वास्थ्यकर्मियों को रिज़र्व में रखा गया था। डेढ़ घण्टे तक इंतजार करने के बाद डीपीएम व अस्पताल प्रबन्धक द्वारा नियमित कर्तव्य स्थल पर जाकर रोस्टर के अनुसार कार्य करने का मौखिक आदेश दिया गया। जबकि अब रिज़र्व रखे गए नौ में से चार कर्मियों को अनुपस्थित दिखाकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।