मधुबनी में मेडिकल कचरा निस्तारण में लापरवाही, संक्रमण का खतरा

कई प्राइवेट नर्सिग होम में डस्टबिन की कमी देखी जाती है। वहीं सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड से सटे खुले में कचरा से भरा कूड़ेदान कचरा उठाव ठेला का रहना स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। कचरा फेंकने से इसकी बदबू यहां का वातावरण को दूषित करता है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 11:10 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 11:10 AM (IST)
मधुबनी में मेडिकल कचरा निस्तारण में लापरवाही, संक्रमण का खतरा
खुले में मेडिकल कचरा फेंकने पर पांच लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान। फोटो- जागरण

मधुबनी, जासं। सदर अस्पताल सहित शहर में संचालित प्राइवेट क्लीनिकों व शहर के निजी क्लीनिकों में मेडिकल कचरा निस्तारण की अनदेखी सामने आ रही है। सदर अस्पताल के आस-पास तथा शहर में संचालित प्राइवेट क्लीनिकों के मेडिकल कचरा निस्तारण के बजाय खुले में फेंक दिया जाता है। वाटसन स्कूल से सदर अस्पताल तक सड़क किनारे जगह-जगह खुले में मेडिकल कचरा देखा जाता है। कई प्राइवेट नर्सिग होम में डस्टबिन की कमी देखी जाती है। वहीं सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड से सटे खुले में कचरा से भरा कूड़ेदान, कचरा उठाव ठेला का रहना स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। प्रसव कक्ष से सटे कचरा फेंकने से इसकी बदबू यहां का वातावरण को दूषित करता है। प्रसव कक्ष में से निकलने वाला मेडिकल कचरा और इसकी बदबू से संक्रमण की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है।

मेडिकल कचरा निस्तारण की जिम्मेवारी क्लिनिक संचालकों की

सदर अस्पताल के सफाई व्यवस्था देख रहे एजेंसी के लिच्छवी जिला कोऑर्डिनेटर अनुज दीक्षित ने बताया कि अस्पताल परिसर से कचरा का उठाव नियमित रूप से की जाती है। सदर अस्पताल परिसर से साधारण कचरा का उठाव नगर निगम के सफाई वाहन द्वारा की जा रही है। अस्पताल परिसर में कचरा एक जगह जमा किया जाता है। फिलहाल सदर अस्पताल से मेडिकल कचरा उठाव के लिए मुजफ्फरपुर की एक कंपनी का वाहन प्रतिदिन आती है। यह वाहन सदर अस्पताल सहित जिले अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों से मेडिकल कचरा का उठाव कर ले जाती है। सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि सदर अस्पताल में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं नगर निगम के सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में प्राइवेट क्लीनिकों के मेडिकल कचरा निस्तारण की व्यवस्था क्लिनिक संचालकों की होती है। क्लीनिकों के आसपास खुले में मेडिकल कचरा पाए जाने पर संबंधित क्लीनिक पर पांच लाख रुपया जुर्माना का प्रावधान है। शहर में प्राइवेट क्लीनिक द्वारा खुले में मेडिकल कचरा फेंकने की शिकायत पर उसकी जांच कर संबंधित प्राइवेट क्लीनिक कार्रवाई की जाएगी।

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