मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में लापरवाही उजागर, संक्रमित ओटी में कर दिया आपरेशन, निकालनी पड़ी 15 की आंख

Muzaffarpur news सिउडोमोनस एरोजिनोसा और ग्राम पाजिटिव स्टेफालोकोकस औरियस जीवाणु से ओटी से फैला आंख में संक्रमण एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी विभाग की रिपोर्ट को सीएस ने किया सार्वजनिक। लापरवाही में शाम‍िल लोगों पर हो सकती है कार्रवाई।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:43 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:43 PM (IST)
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में लापरवाही उजागर, संक्रमित ओटी में कर दिया आपरेशन, निकालनी पड़ी 15 की आंख
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में लापरवाही की जांच रही जांच पड़ताल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, {अमरेंद्र त‍िवारी}। मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल की संक्रमित ओटी में मोतियाब‍िद आपरेशन किए गए। मेडिकल ट्रीटमेंट प्रोटोकाल टूटने से संक्रमण का फैलाव तेजी से हुआ। ओटी में सिउडोमोनस एरोजिनोसा और ग्राम पाजिटिव स्टेफालोकोकस औरियस जीवाणु का प्रभाव था। इससे मोतियाब‍िंद आपरेशन कराने वाले मरीजों की आंख में संक्रमण फैला। एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी विभाग की ओर से आई रिपोर्ट को जांच टीम ने सार्वजनिक किया है।

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि मोतियाब‍िंद मरीजों के संक्रमण का कारण सिउडोमोनस एरोजिनोसा और ग्राम पाजिटिव स्टेफालोकोकस औरियस जीवाणु है। वरीय अधिकारी के साथ ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता को भी रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस रिपोर्ट से जांच में मदद मिलेगी और पीडि़तों को न्याय दिलाने में सहायक होगी। वे दोनों रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे। संक्रमण हुआ तो इसकी जांच कर दोषी को कानून के हवाले किया जाएगा।

22 नवंबर को हुए थे मोतियाब‍ि‍ंद के आपरेशन

मालूम हो कि 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में 65 लोगों के मोतियाब‍िंद का आपरेशन किया गया था। इसमें संक्रमण से 15 लोगों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है। नौ लोगों को पटना आइजीएमएस में भेजा गया है। साथ ही अन्य की तलाश की जा रही है। सीएस के नेतृत्व में जांच दल के अध्यक्ष एसीएमओ डा.एसके ङ्क्षसह, एसकेएमसीएच नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डा.राजीव कुमार स‍ि‍ंह , सदर अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. नीतू कुमारी, प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डा.हसीब असगर शामिल रहे।

इस तरह आई रिपोर्ट

सिविल सर्जन ने बताया कि आई हास्पिटल की ओटी से माइक्रोबायोलाजीकी टीम ने पांच जगहों से कल्चर लिए थे। इसमें ओटी में रखे टेबल, दीवार, उपकरण, एसी रिमोट व लेंस साफ करने वाला प्लूड यानी पानी से कल्चर लिए गए थे। ओटी के टेबल और दीवार से यह दोनों जीवाणु मिले हैं। यह मेडिकल प्रोटोकाल का उल्लंघन माना जा रहा है। सीएस ने कहा कि एसकेएमसीएच में जिन 15 मरीजों की आंख निकाली गई है। उनकी आंख में भी ग्राम निगेटिव, सिउडोमोनस एरोजिनोसा और ग्राम पाजिटिव स्टेफालोकोकस औरियस जीवाणु की पुष्टि हुई है। अभी तक जो मरीज आए हैं उनकीकल्चर जांच रिपोर्ट में ग्राम निगेटिव व ग्राम पाजिटिव बैक्टीरिया मिले हैं। मोतियाङ्क्षबद के आपरेशन के दौरान आंखों की सफाई के लिए बैलेंस साल्ट साल्यूशन फ्लूड का प्रयोग किया जाता है। टीम में शामिल विशेषज्ञ चिकित्सक के अनुसार, ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया काफी एग्रेसिव होता है। इसमें तुरंत उपचार नहीं होने पर रोशनी जाने के साथ संक्रमण को रोकने के लिए आंख निकालने तक की नौबत आ जाती है। विलंब होने पर मरीज की जान पर खतरा रहता है। पाजिटिव बैक्टीरिया लंबे समय के बाद घातक रूप लेता है और आंखों की रोशनी तक छीन लेता है।

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