अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: मुजफ्फरपुर के नंदकिशोर को योग ने लकवा से दिलाई मुक्ति, मिला नया जीवन

International Yoga Day Jagran Special मुजफ्फरपुर के नंदकिशोर ने लोगों की सलाह पर योग का लिया सहारा। पांच साल पहले बीमार होने के बाद चलने-फिरने में हो गए थे असमर्थ लेकिन योग की वजह से आज वे सामान्य जीवन जी रहे।

By Murari KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 08:48 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:48 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: मुजफ्फरपुर के नंदकिशोर को योग ने लकवा से दिलाई मुक्ति, मिला नया जीवन
पारू प्रखंड के बाजार टोला निवासी नंदकिशोर महतो।

मुजफ्फरपुर [अंकित कुमार]। जीवन से निराश हो गए थे। फिर कभी अपने पैरों पर चल सकेंगे इसकी उम्मीद नहीं थी। दुकान बंद होने और इलाज में खर्च ने गरीबी के दलदल में पहुंचा दिया था। ऐसे मुश्किल हालात में पारू प्रखंड के बाजार टोला निवासी नंदकिशोर महतो की जिंदगी योग से बदल गई। आज वे सामान्य जीवन जी रहे।

कपड़ा व्यवसायी नंदकिशोर को पांच साल पहले शरीर के बाएं हिस्से में लकवा मार गया। चलना-फिरना तो दूर अकेले उठ-बैठ भी नहीं पाते थे। घरवालों ने उन्हेंं शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के बाद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अंत में डॉक्टर ने उन्हें पटना रेफर कर दिया।

नंदकिशोर बताते हैं कि इलाज में जमा पूंजी खर्च हो गई थी। ऊपर से व्यवसाय भी ठप हो गया था। आर्थिक तंगी ने घेर लिया था। पटना जाकर इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए गांव लौट आया। जीवन से निराश हो गया था। एक दिन कुछ ग्रामीण रामजानकी शिव मंदिर परिसर में योग प्रशिक्षक महेश साह के पास ले गए। वहां उन्होंने भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम और सूक्ष्म व्यायाम करने के तरीके बताए। रोजाना सुबह उनके पास योग करने जाने लगा। 45 मिनट से एक घंटे तक योगाभ्यास करता था। 15 दिन तक लगातार योग से सेहत सुधरनेे लगी। चार महीने तक योगाभ्यास के बाद बिना किसी का सहारा लिए चलने लगा। अब तो पूरी तरह से ठीक हो चुका हूं।

उच्च रक्तचाप पर हुआ नियंत्रण

बरुराज निवासी अशोक ठाकुर बताते हैं कि बवासीर के कारण काफी परेशान था। इलाज से राहत नहीं मिल रही थी। योग प्रशिक्षक दिवाकर के नेतृत्व में योग शुरू किया तो राहत मिली। इसी तरह पारू बाजार के मुन्ना उच्च रक्तचाप से परेशान थे। दवा छूटते ही स्थिति बिगडऩे लगती थी। योग शिविर में जाने के बाद से सेहत में सुधार है। दवा छूट गई है।

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