मुजफ्फरपुर की बेटी मधु चौरसिया ने मॉरिशस में जीता अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार
विश्व हिंदी सचिवालय की ओर से आयोजित व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता में मुजफ्फरपुर की मधु चौरसिया को यूरोप क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार मिला हे। 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों की सूची में उनके व्यंग्य शामिल किए गए। विश्व को पांच हिस्सों में बांटकर अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यहां का मान बढ़ाया है। पोखरिया पीर में परिवार के संग रहकर पढ़ाई पूरी करने वाली मधु चौरसिया को विश्व हिंदी सचिवालय की ओर से आयोजित व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता में यूरोप क्षेत्र में प्रथम स्थान मिला है। 21वीं सदी के 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों की सूची में उनके व्यंग्य को शामिल किया गया है। इस संकलन को तैयार करने के दौरान मॉरीशस स्थित विश्व हिंदी सचिवालय ने विश्व को पांच हिस्सों में बांटकर अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें पांच क्षेत्रों में अफ्रीका व मध्य पूर्व, अमेरिका, एशिया, आस्ट्रेलिया, यूरोप व भारत हैं। मधु चौरसिया यूरोप क्षेत्र से प्रतिभागी रहीं। इसमें उनके व्यंग्य को प्रथम स्थान मिला।
बाबासाहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की परास्नातक हिंदी और पत्रकारिता की छात्रा रहीं मधु ने देश-विदेश के प्रख्यात व्यंग्यकारों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वे लंबे समय से इंग्लैंड में रह रही हैं। व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता में विदेशों के अलावा भारत के 19 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के व्यंग्यकारों ने शिरकत की। इनमें मध्य प्रदेश से 65, उत्तर प्रदेश से 39, नई दिल्ली से 32, राजस्थान से 32, महाराष्ट्र से 18, छत्तीसगढ़ से 12, हिमाचल प्रदेश से आठ, बिहार से छह, हरियाणा से चार, चंडीगढ़ से तीन, झारखंड से चार, उत्तराखंड से चार, कर्नाटक से चार, पंजाब से दो, पश्चिम बंगाल से दो, तेलंगाना से दो, तमिलनाडु से एक, गोवा से एक व जम्मू-कश्मीर से एक व्यंग्यकार ने हिस्सा लिया। महिलाओं की सूची में बिहार से केवल मधु चौरसिया का चयन हुआ। बिहार पुरुष व्यंग्यकारों में डॉ.सजल प्रसाद, अभिजित दुबे, राम बहादुर चौधरी चंदन, विजयानंद विजय, विनोद कुमार विक्की व विरेंद्र नारायण झा चयनित हुए हैं। मधु पांच वर्षों से इंग्लैंड के रेडिंग शहर में रहती हैं। पति ब्रजेंद्र कुमार टेलीकॉम सेक्टर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पति को यहां की नागरिकता मिल चुकी है, जबकि मधु को इसका इंतजार है। मधु के पिता केंद्रीय विद्यालय में कार्यरत थे। वे परिवार के साथ अतरदह में रहते थे। सेवानिवृत्त होने के बाद खगडिय़ा चले गए।
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