Muzaffarpur Weather Forecast : अगले 24 घंटे तक बारिश की संभावना, फिर मौसम होगा शुष्क

Muzaffarpur Weather Forecast 1038.6 मिलीमीटर बारिश जिले के अलग-अलग प्रखंडों में की गई रिकॉर्ड। 142 सबसे अधिक सरैया में तो सबसे कम मोतीपुर में 52.6 मिलीमीटर हुई बारिश। अगले पांच दिनों के मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि 24 घंटे तक बारिश की संभावना के बाद मौसम शुष्क रहेगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 11:49 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 11:49 AM (IST)
Muzaffarpur Weather Forecast : अगले 24 घंटे तक बारिश की संभावना, फिर मौसम होगा शुष्क
लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में जलजमाव हो गया है।

मुजफ्फरपुर, जासं। मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। जिले में दिनभर जमकर बारिश हुई। कृषि विभाग के अनुसार जिले के अलग-अलग प्रखंडों में कुल 1038.6 मिलीमीटर बारिश हुई। इधर अगले पांच दिनों के मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि 24 घंटे तक बारिश की संभावना के बाद मौसम शुष्क रहेगा। डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ.ए.सत्तार ने बताया कि 29 मई से दो जून तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार चक्रवात यास से बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर बने कम दबाव का क्षेत्र के प्रभाव से अगले 24 घंटे तक हल्की वर्षा होने की संभावना है। उसके बाद मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। तकनीकी पदाधिकारी डॉ.गुलाब सिंह ने बताया कि इस अवधि में अधिकतम तापमान 27 से 30 व न्यूनतम 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। सापेक्ष आद्र्रता सुबह में 80 से 90 व दोपहर में 60 से 70 फीसद रहने की संभावना है।

पूर्वानुमानित अवधि में मुख्यत: पूरवा हवा औसतन 12 से 22 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है। इस बीच शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 12.5 डिग्री सेल्सियस कम रहा। जिला परामर्शी सुनील शुक्ला ने बताया कि बारिश लगातार हो रही है। जिले में 1038.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसमें सबसे अधिक सरैया 142 तो सबसे कम मोतीपुर में 52.6 मिलीमीटर बारिश हुई है।

किसानों को सुझाव

- भारी वर्षा से जिन खेतों में जलजमाव हो गया हो उसमें जलनिकास की उचित व्यवस्था करें।

- आगत मूंग, उरद की तैयार फलियों की तुड़ाई कर सकते हैं। पिछात बोई गईं मूंग व उरद की फसल में पीला मोजैक रोग की निगरानी करें।

- लीची तोडऩे के बाद बगीचों की जुताई कर खाद व उर्वरकों का प्रयोग करें।

- भिंडी की फसल में फल एवं प्ररोह वेधक कीट की निगरानी करें। इसके पिल्लू ङ्क्षभडी फलों के अंदर छेद बनाकर उसे पूरी तरह नष्ट कर देते हैं। इसकी रोकथाम के लिए सर्वप्रथम प्रभावित फलों को तोड़कर मिट्टी के अंदर दबा दें। अधिक नुकसान होने पर उचित दवा का छिड़काव करें।

किस प्रखंड में कितनी बारिश

प्रखंड-----वर्षापात मिमी

औराई-------58 मिमी

बंदरा------62.2 मिमी

बोचहां-----58.4 मिमी

गायघाट---64.8 मिमी

कांटी-----58.2 मिमी

कटरा---56 मिमी

कुढऩी-----63.6 मिमी

मड़वन----56.2 मिमी

मीनापुर---57.4 मिमी

मोतीपुर----52.6 मिमी

मुरौल-----55.4 मिमी

मुशहरी-----72.4 मिमी

पारू----68.6 मिमी

साहेबगंज----59.6 मिमी

सकरा---53.2 मिमी

सरैया----142 मिमी  

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