Muzaffarpur Weather Forecast 06 February 2021: तेज हवा के साथ हो सकती बूंदाबांदी, पूरी तैयार के साथ घर से निकलें
Muzaffarpur Weather Forecast 06 February 2021 पूर्वी उत्तर प्रदेश में चक्रवात की स्थिति बनने के कारण उत्पन्न हुई यह स्थिति। अभी ठंड से नहीं मिलने जा रही मुक्ति। चक्रवात का प्रभाव खत्म होने के बाद सुबह और शाम को हल्का से मध्यम कुहासा छाया रहेगा।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी चक्रवात की स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से मुजफ्फरपुर समेत सूबे के विभिन्न भागों में आज और कल तेज हवा के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। तेज हवा के कारण ठंड में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए घर से बाहर निकलने की सोच रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ निकलना ही बेहतर होगा। अभी ठंड से नहीं मिलने जा रही मुक्ति। चक्रवात का प्रभाव खत्म होने के बाद सुबह और शाम को हल्का से मध्यम कुहासा छाया रहेगा। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केन्द्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार ने बताया कि छह से दस फरवरी तक यानी चार दिनों में सुबह व शाम में हल्का से मध्यम कुहासा छाया रहेगा। लेकिन सुबह व शाम ठंड का असर दिखेगा। अगले एक-दो दिनों में उत्तर बिहार के जिलों में गरज वाले बादल बन सकते है। इसके प्रभाव से हल्की वर्षा या बुंदाबांंदी हो सकती है।
कहीं-कहीं ओलावृष्टि हो सकती
गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, बगूुसराय, सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिम चंपारण तथा पूर्वी चंपारण में हल्की हवा के साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि हो सकती है। पूर्वानुमानित की अवधि में अधिकतम तापमान 19 से 21 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। औसतन पांच से सात किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने का अनुमान है। इस बीच सापेक्ष आर्द्ररता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री पर पहुंचा। यह सामान्य तापमान से 1.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस पर जाकर थमा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री कम रहा। शुक्रवार को दिन में धूप निकली लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली।
किसानों को सुझाव
- वर्षा तथा ओला वृष्टि की संभावना को देखते हुए किसान हल्दी, ओल की तैयार फसलों की खुदाई एवं राई-सरसों की तैयार फसलों की कटाई सावधानी पूर्वक करें। कटी फसलों को खेत में नही छोड़े।
- वसंतकालीन ईख, शकरकंद, गरमा सब्जी की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। अक्टुवर-नवंबर में रोपी गई ईख की फसल में हल्की सिंचाई वर्षा नहीं होने पर करें। जो किसान ईख लगाना चाहते हैंं वे खेत की तैयारी कर बुआई शुरु कर सकते हैं।
--सरसों की फसल को नुकसान पहुचाने वाले मुख्य कीट लाही की निगरानी करें। यह सूक्ष्म आकार का कीट है, जो पौधो पर स्थायी रुप से चिपका रहता है एवं पौधो की जड़ो को छोड़कर शेष सभी मुलायम भागो, तने व फलीयों का रस चूसता है।
- ये कीट मधु-स्त्राव निकालते है, जिससे पौधे पर फंगस का आक्रमण हो जाता है तथा जगह-जगह काले धब्बे दिखाई देते है। ग्रसित पौधों में शाखाएॅ कम लगती हैं। पौधे की वृद्धि रुक जाती है। पौधे पीले पड़कर सूखने लगते हैं। फलियां कम लगती हैं तथा तेल की मात्रा में भी कमी आती है। इस कीट से बचाव के उचित दवा का छिड़काव करें।
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