Muzaffarpur Weather Alert: उत्तर बिहार में अगले 24 से 48 घंटों में अधिक वर्षा की संभावना
Muzaffarpur Weather Alertमानसून की सक्रियता से उत्तर बिहार में अभी और बारिश होने की संभावना है। अब तक सामान्य से ढाई गुना अधिक हुई है वर्षा दो दिन के बाद से वर्षा में आएगी कमी। लगातार हो रही बारिश के कारण सब्जियों की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
समस्तीपुर, जासं। मानसून के सक्रिय होने के कारण उत्तर बिहार में वर्षा की संभावना बनी रहेगी। वही अगले 24 से 48 घंटों के अंदर उत्तर बिहार में अधिक वर्षा होने की संभावना है। इसके बाद वर्षा में कमी होने की बात मौसम वैज्ञानिक ने कही है। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.सत्तार के अनुसार मानसून की सक्रियता के कारण उत्तर बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। कहीं-कहीं भारी वर्षा भी होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार इस दौरान आसमान कभी दिन में साफ तो कभी वर्षा भी होगी। अगले 2 दिनों के बाद मौसम में हल्का सुधार होने की संभावना जताई गई है।
वहीं डॉ. सत्तार का यह भी बताना है कि जनवरी से लेकर अभी तक सामान्य वर्षा 218 मिलीमीटर होनी चाहिए, जिसकी जगह ढाई गुना से ज्यादा यानि 550 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जनवरी-फरवरी एवं मार्च में वर्षा का अनुपात शून्य रहा। वहीं अप्रैल में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। मई में 282.2 मिलीमीटर एवं जून महीने में अब तक 268 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जून महीने में अभी तक सामान्य वर्षा 155 मिली मीटर होनी चाहिए थी। आज का अधिकतम तापमान 29.0 एवं न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 6 डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 2 डिग्री सेल्सियस कम रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान 10 से 15 किलोमीटर की रफ्तार से पुरवा हवा भी चलेगी।
मानसून के आने से पूर्व से लगातार हो रही वर्षा के कारण किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। ज्ञात हो कि अभी दलहन की मुख्य फसलों में मूंग की तोराई प्रारंभ ही हुई थी कि लगातार हुई भारी वर्षा ने फसल को डूबो कर रख दिया। अब मूंग से किसान हाथ धो बैठे हैं। वही लगातार पानी होने के कारण आम की फसल भी बर्बाद हो चुकी है। अधिकांश किसानों के अभी मक्के की फसल तैयार भी नहीं हुई है और ना ही धान की बिछड़े ही गिरे हैं। जो किसान धान की सीधी बुआई चौर क्षेत्रों में किए हैं,उनके खेत में पानी लगा हुआ है। सब्जियों की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।