मुजफ्फरपुर : गर्मी की तपिश के दौरान पशुओं का रखें ख्याल, हीट स्ट्रोक का खतरा

पशुओं को छायादार स्थान पर रखें धूप से लाने के बाद कुछ देर छाया में बांधे तब पानी पिलाएं। तापमान बढऩे की वजह से दुधारू पशु कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं। ऐसे में मौसमी बीमारियों से ग्रसित होने की आशंका बढ़ जाती है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 11:44 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 01:50 PM (IST)
मुजफ्फरपुर : गर्मी की तपिश के दौरान पशुओं का रखें ख्याल, हीट स्ट्रोक का खतरा
मौसम में उतार चढ़ाव के साथ ही गर्मी तेज हो रही है।

मुजफ्फरपुर, जासं। गर्मी की तपिश एवं कोरोना के बढ़ते मामले में बेजुबान पशुओं की सुरक्षा को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। इन पशुओं की सुरक्षा भी जरूरी है। तापमान बढऩे की वजह से दुधारू पशु कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं। ऐसे में मौसमी बीमारियों से ग्रसित होने की आशंका बढ़ जाती है। गलाघोंटू, खुरपका-मुंहपका, लंगड़ी बुखार आदि बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी है। मौसम में उतार चढ़ाव के साथ ही गर्मी तेज हो रही है। तीखी धूप व गर्मी से इंसानों के साथ ही पशओं की जान सांसत में है। उन पर हीटस्ट्रोक का खतरा साफ मंडराने लगा है। जिले में दुधारू पशुओं की संख्या 7 लाख 22 हजार है। इसके साथ ही बकरियों की संख्या 6 लाख 96 हजार, 340 एवं भेड़ों की संख्या 1518 है। पशुपालन विभाग द्वारा फिलहाल किसी तरह का टीकाकरण नहीं किया जा रहा है।

हीट स्ट्रोक का खतरा, सावधानी से बचाव

मवेशी के शरीर का तापमान दोपहर से शाम तक 104 से 106 डिग्री तक हो जाता है। इससे मुंह से लार भी आने लगता है। मवेशी खाना-पीना छोड़ देते हैं। पशु कमजोर होने लगते हैं। दुधारू मवेशियों के दूध कम हो जाते हैं। पशु चिकित्सक डॉ. वशिष्ठ नाथ राय ने कहा कि पशुओं पर खास ध्यान देने की जरूरत है। पशुओं को छायादार स्थान पर रखें। धूप से लाने के बाद कुछ देर छाए में बांधे, तब पानी पिलाएं। सुबह और शाम को नहलाएं। पशुशाला के ऊपर पुआल डालें, ताकि वह गर्म न हो। पशुशाला में पशुओं की संख्या अधिक नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक पशु को उसकी आवश्यकता अनुसार पर्याप्त स्थान मिलना चाहिए। सामान्य व्यवस्था में गाय को चार से पांच एवं भैंस सात से आठ वर्गमीटर खुले स्थान बाड़े के रूप में प्रति पशु उपलब्ध होना चाहिए। पशुओं के शरीर पर दिन में दो या तीन बार ठंडा पानी का छिड़काव करें। दोपहर को पशुओं पर ठंडे पानी का छिड़काव उनके उत्पादन तथा प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। पशुओं को पीने का ठंडा पानी दें।

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