Muzaffarpur Road accident:... और देखते-देखते लच्छू पासवान पर गिरा दुखों का पहाड़

अनियंत्रित ट्रक उनके लिए काल बनकर आ रहा है। परिवार के अन्य लोग भी आसपास ही थे। कुछ क्षणों में हंसता-खेलता माहौल चीख-पुकार में बदल गया। बच्चे ट्रक के अंदर इस तरह दबे थे कि उन्हें निकालना भी मुश्किल हो रहा था। पुलिस ने क्रेन मंगवाकर इन्हें निकाला।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 07:47 AM (IST)
Muzaffarpur Road accident:... और देखते-देखते लच्छू पासवान पर गिरा दुखों का पहाड़
सरैया थाना क्षेत्र के सहदानी स्थित एनएच 722 पर हुआ हादसा। फोटो- जागरण

सरैया (मुजफ्फरपुर), संस। अनियंत्रित ट्रक ने लच्छू पासवान के दो बच्चों व एक भाई की जिंदगी ले ली। गर्मी का समय होने से परिवार के कुछ बच्चे दरवाजे पर पढ़ रहे थे और कुछ खेल रहे थे। उन्हें क्या पता था कि उनकी किलकारी ट्रक के अंदर दब कर सदा के लिए शांत हो जाएगी। अनियंत्रित ट्रक उनके लिए काल बनकर आ रहा है। परिवार के अन्य लोग भी आसपास ही थे। कुछ क्षणों में हंसता-खेलता माहौल चीख-पुकार में बदल गया। बच्चे ट्रक के अंदर इस तरह दबे थे कि उन्हें निकालना भी मुश्किल हो रहा था। पुलिस ने क्रेन मंगवाकर इन्हें निकाला। 

सरैया थाना क्षेत्र के सहदानी स्थित एनएच 722 पर अनियंत्रित ट्रक के घर में घुसने और इसमें पांच बच्चों समेत छह की मौत होने के बाद लच्छू पासवान पर दुखों का पहाड़ गिर पड़ा। इस घटना की कल्पना भी उसे नहीं थी। सब-कुछ ठीक-ठाक था। परिवार में सब हंसी-खुशी जीवन यापन कर रहे थे। अचानक गुरुवार की देर शाम एक ट्रक ने उनकी जिंदगी में भूचाल ला दी। सुनहरे भविष्य की कल्पना संजोए बच्चे दरवाजे पर बैठकर पढ़ रहे थे। घर में खाना बन रहा था। वहीं, बड़े-बुजुर्ग आपस में घर से थोड़ी दूर हटकर बात कर रहे थे। अचानक तेज गति से आ रहा ट्रक अनियंत्रित होकर उनके घर में घुस गया। देखते-देखते वहां कोहराम मच गया। किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो गया। मानों सबको सांप सूंघ गया हो। कुछ देर बाद लोगों के जुटने पर परिवार के सदस्यों को घटना की गंभीरता का आभास हुआ। कुछ देर पहले पढऩे वाले सभी बच्चे ट्रक के नीचे आ गए थे। घटना में लच्छू पासवान की पुत्री-पुत्र समेत भाई मच्छू पासवान की मौत हो गई। वहीं, एक पुत्री जख्मी होकर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। इसके अलावा एक और बच्चे की मौत हुई। वहीं, दरवाजे पर बंधी बकरियां भी मौत के गाल में समां गईं।  

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