मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य के प्रधान सचिव ने निजी अस्पताल में मरीज को रेफर करने पर जताई नाराजगी
मोतिहारी से इलाज कराने आए कन्हैया के स्वजनों से प्रधान सचिव ने पूछा कि बीमार होने पर कहां गए तो उसने बताया कि पहले अपने गांव के डाक्टर से दिखाया। उसके बाद सरकारी अस्पताल लेकर गए। वहां से मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल लेकर आए।
मुजफ्फरपुर,जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत शनिवार को एसकेएमसीएच पहुंंचे। वहां भर्ती एईएस मरीजों से मिले तथा उनका हाल चाल लिया। मोतिहारी से इलाज कराने आए कन्हैया के स्वजनों से प्रधान सचिव ने पूछा कि बीमार होने पर कहां गए तो उसने बताया कि पहले अपने गांव के डाक्टर से दिखाया। उसके बाद सरकारी अस्पताल लेकर गए। वहां से मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल लेकर आए। वहां से रेफर होने के बाद यहां पर आए। प्रधान सचिव ने कहा कि वहां पर एईएस से बचाव का प्रचार चल रहा है कि नहीं। इस पर बताया गया कि उसको जानकारी नहीं है। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि इस बारे में मोतिहारी सिविल सर्जन से बातचीत की जाएगी। निरीक्षण के क्रम में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर सहनी ने मरीजों के बारे में जानकारी दी। प्रधान सचिव ने इलाज की व्यवस्था पर संतोष जताया। वहां से अधीक्षक कार्यालय आए, जहां पर कोरोना व ब्लैक फंगस के इलाज पर चर्चा करने के बाद लौट गए। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.सहनी ने बताया कि पीकू वार्ड का निरीक्षण व इलाज के बारे में जानकारी प्रधान सचिव ने ली। उन्होंने बताया कि अभी सरैयागंज टावर के अविनाश व मोतिहारी के कन्हैया का इलाज पीकू वार्ड में चल रहा है। इधर न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा.दीपक कर्ण ने बताया कि अभी ब्लैक फंगस के मरीज का इलाज केवल पटना एम्स व आइजीआइएमएस मेें होगा, यहां से मरीज को वहीं पर रेफर किया जाएगा।
अब 18 साल से 44 साल के लोगों को ऑन द स्पॉट टीका देने की कवायद
जासं, मुजफ्फरपुर : कोरोना टीकाकरण अभियान के अगले चरण में 18 से 44 साल के लोगों को ऑन द स्पॉट टीकाकरण किया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। पहले चरण में शहर के पांच जगह पर टीका दिया जाएगा। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने कहा कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को माइक्रो प्लान तैयार करने को कहा गया है जिसके आधार पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में सदर अस्पताल, तिरहुत एकेडमी, बीबी कॉलेजिएट स्कूल, जिला स्कूल में केंद्र बनाए जाएंगे। उसके बाद धीरे-धीरे दूसरे सेंटर पर टीकाकरण होगा। इस योजना से अब ऑन द स्पॉट निबंधन के झंझट से मुक्ति मिलेगी।