एक दर्जन से अधिक शराब धंधेबाजों की संपत्ति नहीं खोज पाई मुजफ्फरपुर पुलिस

कई शराब धंधेबाजों की संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई। गत महीने सदर थाने की ओर से 40 से अधिक मामलों के आरोपितों की संपत्ति राजसात करने को लेकर वरीय अधिकारियों के यहां प्रस्ताव भेजा गया है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 09:10 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 09:10 AM (IST)
एक दर्जन से अधिक शराब धंधेबाजों की संपत्ति नहीं खोज पाई मुजफ्फरपुर पुलिस
जिले में सक्रिय धंधेबाजों की संपत्ति जब्त करने की दिशा में कार्रवाई शिथिल।

मुजफ्फरपुर, जासं। शराब धंधेबाजों पर नकेल कसने को मुख्यालय सख्त है, मगर जिला स्तर पर उत्पाद व मद्य निषेध तथा पुलिस की तरफ से धंधेबाजों पर नकेल कसने की कार्रवाई की गति धीमी है। नतीजा एक दर्जन से अधिक धंधेबाजों की संपत्ति का पता नहीं चल पाया है। इसमें निचले स्तर से शिथिलता बरती जा रही है। इसके कारण राजसात की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बताया गया कि वरीय पुलिस अधिकारियों के यहां से संबंधित थाने को पूर्व में भी पत्राचार किया गया। कई शराब धंधेबाजों की संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई। गत महीने सदर थाने की ओर से 40 से अधिक मामलों के आरोपितों की संपत्ति राजसात करने को लेकर वरीय अधिकारियों के यहां प्रस्ताव भेजा गया है। 

राजसात के 1100 से अधिक मामले लंबित

जिले में शराबबंदी से जुड़े मुकदमे में संपत्ति राजसात (अधिहरण) के 11 सौ से अधिक मामले लंबित हैं। एसडीओ पश्चिमी के यहां सबसे कम मामलों का निष्पादन हुआ है। डीएम कोर्ट में भी 170 मामले लंबित हैं। बता दें कि पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिहरण के मामलों का निष्पादन तीन माह में करने का सरकार ने निर्देश दिया था। जिले में डीएम समेत सात पदाधिकारियों के कोर्ट में इन मामलों का निष्पादन किया जा रहा है। गत दिनों जिलाधिकारी ने निर्देश जारी कर कहा कि अधिहरण से मामलों के निष्पादन को लेकर इसकी प्रतिदिन सुनवाई करें। मामलों को तय तीन माह की अवधि के अंदर निष्पादित किया जाए।  

दूसरे राज्य के मजदूर शराब की शर्त पर करते काम

मुजफ्फरपुर : राज्य के जिलों में ईंट-भ_ों पर अधिकतर सीमावर्ती राज्य के मजदूर काम करते हैं। वे इस शर्त पर कार्य करते हैं कि काम समाप्त होने पर प्रतिदिन शाम में शराब उपलब्ध कराई जाए। शराबबंदी के कारण शराब उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में भ_े पर ही इसका निर्माण कर सेवन किया जाता है। ये बातें बिहार पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट में कही गई है। इस रिपोर्ट के बाद जिले में पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। इसके आलोक में सभी ईंट-भ_ों पर छापेमारी के निर्देश पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों को दिए गए हैं।

विशेष शाखा के अपर पुलिस महानिदेशक ने सभी एसएसपी एवं एसपी को भेजे पत्र में कहा है कि दिसंबर-जनवरी में ईंट का निर्माण कार्य शुरू होता है। इस वर्ष 17 फरवरी को गोपालगंज के विजयीपुर थाना क्षेत्र के मझौलिया बाजार के समीप भ_ा पर शराब के सेवन से तीन मजदूरों की मृत्यु हो गई थी। दो मजदूरों की आंख की रोशनी चली गई थी। इसे देखते हुए सभी ईंट-भ_े के आसपास लगातार सघन छापेमारी अभियान चलाया जाए। शराब के धंधे में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

मालूम हो कि अधिकतर ईंट-भ_े रिहाइशी क्षेत्र से बाहर होते हैं। यहां लोगों की आवाजाही नहीं के बराबर रहती है। शाम के बाद इस क्षेत्र में क्या कुछ हो रहा, इसकी भनक भी नहीं लग पाती। ऐसी स्थिति में शराब निर्माण और उसका सेवन आसान रहता है।

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