Coronavirus: सभी कोरोना मरीजों को नहीं देना चाहिए रेमडेसिविर इंजेक्शन, जानिए विशेषज्ञ की राय
Muzaffarpur News विशेषज्ञ की राय यह जीवनदायनी दवा की श्रेणी में नहीं। गाइडलाइन के तहत कोरोना मरीज को दी जा रही हैैं कई तरह की दवाएं। अपनी मर्जी से बिना किसी चिकित्सक के परामर्श के कोई भी दवा नहीं देनी चाहिए मरीज को।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बाजार में अचानक मांग बढ़ गई है। इसको लेकर वैशाली कोविड केयर सेंटर के संचालक विशेषज्ञ चिकित्सक बी.मोहन ने कहा कि सभी कोरोना मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं देना चाहिए। विशेषज्ञ चिकित्सक कहते हैं कि यह जीवनदायनी दवा की श्रेणी में भी नहीं है। इसलिए कोरोना मरीज के लिए जो गाइडलाइन है उसमें कई तरह की दवाएं दी जा रही हैं। अपनी मर्जी से बिना किसी चिकित्सक का परामर्श लिए कोई भी दवा मरीज को नहीं देनी चाहिए।
कब दें रेमडेसिविर इंजेक्शन
- बुखार के साथ-साथ जब ऑक्सीजन का स्तर 95 फीसद से कम हो तब इसे देना चाहिए।
- मरीज को जरूरत हो तो छह वायल का कोर्स होता है। पहले दिन दो और उसके बाद एक-एक करके चार डोज दी जाती हैैं।
- बुखार सात दिन से है और दम फूल रहा है तो उसमें इस इंजेक्शन की खास भूमिका नहीं होती है।
- किडनी वाले मरीज को यह इंजेक्शन नहीं देना चाहिए।
- सात दिन से केवल बुखार आ रहा हो तो इस इंजेक्शन को नहीं देना चाहिए।
सीधे मरीज को नहीं दिया जाएगा रेमडेसिविर इंजेक्शन
सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सीधे मरीज को नहीं दिया जाएगा। यह केवल अस्पताल संचालक को मिलेगा। इसके लिए एक टीम बनाई गई है। वह मरीज का आकलन करेगी। उसके हिसाब से इस इंजेक्शन की आपूर्ति होगी। एक से दो दिनों में इंजेक्शन विभाग की ओर से चयनित दुकानों में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज के लिए कई अन्य दवाएं उपयोगी हैं। इनका उपयोग करके मरीज क्योर होकर अस्पताल से घर जा रहे हैं।