मुजफ्फरपुर समाचार: कोरोना वैक्सीन एक्सपायर हुई तो डीआइओ होंगे जवाबदेह
सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले में दो प्रकार की वैक्सीन (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) दी जाती रही है। सरकार की ओर से आपूर्ति किये जा रहे टीकों का ससमय उपयोग के साथ उसकी गुणवत्तापूर्व प्रबंधन हो इसकी तैयारी की गई है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। अगर कोरोना की वैक्सीन स्टाक में एक्सपायर हुई तो इसके लिए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी व कोल्ड चेन व्यवस्थापक जवाबदेह होंगे। इसलिए एक्पायर होने से पहले वैक्सीन का शत प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करना होगा। स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने नई गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। इस संबंध में सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले में दो प्रकार की वैक्सीन (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) दी जाती रही है। सरकार की ओर से आपूर्ति किये जा रहे टीकों का ससमय उपयोग के साथ उसकी गुणवत्तापूर्व प्रबंधन हो, इसकी तैयारी की गई है। इसके लिए राज्य मुख्यालय ने फस्र्ट इन फस्र्ट आउट का नियम लागू किया है। उसका शत प्रतिशत अनुपालन होगा। नए नियम की जानकारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी से लेकर सभी पीएचसी प्रभारी तक को दी गई है।
पोर्टल पर टीके का रहेगा स्लाट
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा.एके पांडेय ने बताया कि वैक्सीन की गुणवता का पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए गोदाम में उपलब्ध टीकों के स्लाट को बैच संख्या और एक्सपायरी तिथि के आधार पर पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है। इससे जो पहली खेप की वैक्सीन आई, उसकी खपत पहले हो रही है।
प्रखंडों के कोल्ड चेन हैंडलर को आगाह किया गया है कि वह टीकों की गुणवत्ता बरकरार रखे। इस काम में यूएनडीपी के कोल्ड चेन प्रबंधक अजय कुमार व उनकी टीम का सहयोग मिल रहा है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा.पांडेय ने कहा कि नियमित टीकाकरण के साथ भी उसी तरह से गाइड लाइन है। पहले आई वैक्सीन को पहले हर सेंटर पर भेजा जा रहा है। इससे यह हो रहा कि हर वैक्सीन का उपयोग हो रहा है। पहली वाली वैक्सीन का उपयोग पहले हो इसके लिए सभी पीएचसी प्रभारी को नियमित निगरानी करने का आदेश दिया गया है।