Muzaffarpur Nagar Nigam: सुपर सकर खरीद की होगी जांच, परत दर परत खुल रहा राज

Muzaffarpur Nagar Nigam डस्टबिन खरीद घोटाले की जांच कर लौटी महालेखाकार की टीम। पूर्व नगर आयुक्त रमेश रंजन के कार्यकाल में हुए गड़बडिय़ों की परत दर परत पोल खुलने के बाद विभाग इस फाइल को खोलने की तैयारी है।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 09:04 AM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 09:04 AM (IST)
Muzaffarpur Nagar Nigam: सुपर सकर खरीद की होगी जांच, परत दर परत खुल रहा राज
पार्षदों ने रमेश रंजन के कार्यकाल में हुए सभी खरीद एवं कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम में घोटाले का जिन्न एक-एक कर बाहर निकल रहा है। पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन के कार्यकाल में हुए घोटालों का राज परत दर परत खुल रहा है। आटो टिपर, मिनी पंप हाउस एवं डस्टबिन खरीद घोटाले के बाद अब सुपर सकर मशीन के खरीद की जांच होगी। पूर्व महापौर समीर कुमार एवं निकटतम प्रत्याशी संघ के अध्यक्ष सुधीर कुमार ठाकुर ने सुपर सकर की खरीद में बड़ी राशि के लेन-देन एवं निगम राजस्व के लूट की शिकायत की थी। उनकी शिकायत के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने जांच का निर्देश दिया था। जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी। लेकिन रमेश रंजन के कार्यकाल में हुए गड़बडिय़ों की परत दर परत पोल खुलने के बाद विभाग इस फाइल को खोलने की तैयारी है। 

वहीं दूसरी ओर डस्टबिन खरीद घोटाले की जांच कर रही महालेखाकार की टीम शुक्रवार को चल गई। टीम अपनी रिपोर्ट महालेखाकार के माध्यम से सरकार को सौंपेगी। जांच के संबंध में पूछे जाने पर टीम के सदस्यों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वे अपना रिपोर्ट महालेखाकार को सौंपेगे। पूर्व नगर आयुक्त के कार्यकाल में हुए घोटालों की राज खुलने के बाद नगर निगम के कर्मचारी सहमे हुए हैं। पता नहीं कौन-कौन इसकी चपेट में आ जाए। वहीं निगम के आधा दर्जन पार्षदों ने रमेश रंजन के कार्यकाल में हुए सभी तरह के खरीद एवं कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वार्ड पार्षद राजीव कुमार पंकू, संजय कुमार केजरीवाल, अजय ओझा, केपी पप्पू, राकेश कुमार, रंजू सिन्हा, सीमा कुमारी जांच के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर आग्रह करेंगे।

साजिश के तहत जोड़ा जा रहा मेरा नाम : महापौर

मुजफ्फरपुर : महापौर सुरेश कुमार ने कहा है कि साजिश के तहत उनका नाम हर मामले में जोड़ा जा रहा है। पहले आटो टिपर खरीद घोटाले में उनको फंसाया गया और अब डस्टबिन खरीद में। उन्होंने कहा कि डस्टबीन खरीद का कामला उनके महापौर बनने से पहले का है। खरीद की प्रक्रिया से लेकर भुगतान तक में उनकी कोई भूमिका नहीं रही है। ऐसे में उनका नाम जोड़ा जाना कहीं से उचित नहीं है। उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर डस्टबीन खरीद से संबंधित संचिका तलब किया है ताकि वे भी मामले से पूरी तरह से अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि जांच में उनका पूरा सहयोग रहेगा ताकि दूध का दूध एवं पानी का पानी हो सके।  

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