सांसद अजय निषाद बोले: जांच के अभाव में मर रहे कोरोना मरीज, एंटीजन किट की कलाबाजारी करने वालों के खिलाफ हो स्पीडी ट्रायल
Muzaffarpur antigen black marketing caseस्वास्थ विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के सहयोगी भाजपा सांसद ने दिखाया आईना। बोले- कोरोना महामारी में कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ हो स्पीडी ट्रायल। जांच के अभाव में मर रहे कोरोना मरीज कर्मचारी बाजार में बेच रहे एंटीजन किट।
मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने कहा कि कोरोना महामारी में जांच किट, ऑक्सीजन, रेमिडिसेवीर इंजेक्शन सहित अन्य जरूरी दवा की कालाबाजारी व इलाज के नाम पर लूट मचाने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज कर स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाया जाए। सांसद ने सिविल सर्जन समेत अन्य वरीय अधिकारियों को चेतावनी दिया कि सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए एंटीजन किट मामले के आरोपी को बचाने की कोशिश नहीं करें। वह इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे। खुद अगर जरूरत पड़ी तो सदन में सवाल उठायेंगे। अभी जनता जांच व इलाज के लिए तड़प रही है और चोर-भ्रष्ट अधिकारी किट, दवा, ऑक्सीजन व एमुलेंस के नाम पर लूट मचाने में लगे है। इसमें जो पकडा रहे उसका बचाव किया जा रहा है। यह कतई बदार्शत नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा- जिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर अविलंब एंटीजन किट मामले में जाे नामजद है पहले उनको सेवा से हटाया जाए, उसकी संपत्ति की जांच की जाए तथा ऐसी सजा मिले ताकि दोबारा कोई आम आदमी के जान से खिलवाड़ नहीं करे। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ सकरा पुलिस नामजद अभियुक्त को पकड़ने में लगी है वहीं दूसरी ओर नामजद आरोपी सदर अस्पताल के प्रबंधक समेत दो को बचाने मेें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगे है। सांसद ने कहा कि पिछले दिनों सकरा पुलिस ने चार हजार एंटीजन किट समेत अन्य समान पकडा इसमें सात नामजद है। पांच जेल गए तथा दो फरार चल रहे। उनपर अविलंब कार्रवाई हो।
सांसद की यह रही मांग कोरोना इलाज व जांच में लगे अस्पताल के खिलाफ नियमित जांच चले, उसकी रिपोर्ट जारी हो इलाज करने वाले अस्पताल के बाहर उसका फीस और सुविधा क्या है, अगर परेशानी है तो किस मोबाइल नम्बर पर उसकी शिकायत करें यह लिखना चाहिए रेमिडिसिविर की रोज उपलब्धता व वितरण की जानकारी दी जाए दवा, ऑक्सीजन, एम्बुलेंस, बेड व इलाज के लिए जिला स्तर पर चल रहे कंट्रोल रूम में कितनी शिकायत आई और कितने का निपटारा किया गया इसकी समीक्षा रोज वरीय अधिकारी करें तथा रिपोर्ट सार्वजनिक हो जिस नर्सिंग होम के खिलाफ जांच चला उस पर क्या कार्रवाई हुई, क्या सुधार हुआ इसको सार्वजनिक किया जाए