मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद बोले- मुकेश सहनी रहें या जाएं, एनडीए पर असर नहीं

भाजपा सांसद ने कहा नीतीश कुमार के नेतृत्व में पांच साल चलेगी बिहार की सरकार वीआइपी नेता को बताया जनाधारविहीन कहा-दो चुनाव हारे भाजपा ने दिया सम्मान एनडीए विधायक दल की बैठक में वीआइपी नेता शामिल नहीं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:21 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:21 AM (IST)
मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद बोले- मुकेश सहनी रहें या जाएं, एनडीए पर असर नहीं
मुजफ्फरपुर सांसद ने अजय न‍िषाद ने द‍िया मुकेश सहनी को जबाव।

मुजफ्फरपुर, जासं। वाराणसी में हवाई अड्डे पर यूपी पुलिस द्वारा मंत्री मुकेश सहनी को रोके जाने की घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे पर मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) ने यूपी सरकार पर हमला बोला तो मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने भी पलटवार कर दिया। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि एनडीए में मुकेश सहनी के रहने या नहीं रहने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनका कोई जनाधार नहीं है। लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में वे पराजित हो चुके हैं।

एनडीए विधायक दल की बैठक में वीआइपी के शामिल नहीं होने पर भाजपा सांसद ने कहा कि मुकेश सहनी एनडीए में रहें या जाएं नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में पांच साल यह सरकार चलेगी। उन्होंने कहा, दो चुनाव हारने के बाद भी भाजपा ने मुकेश सहनी को सम्मान देते हुए एमएलसी और मंत्री बनवाया। यह इसलिए कि भाजपा अपने सहयोगियों का साथ नहीं छोड़ती। उन्होंने पंजाब में अकाली दल का उदाहरण देते हुए कहा कि नवजोत ङ्क्षसह सिद्धू की इच्छा के विपरीत भाजपा ने गठबंधन धर्म निभाया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी एनडीए छोड़कर जाने की चर्चा की। कहा, वे राजद के साथ गए। इसके बाद लौटे तो एनडीए ने सम्मान में कमी नहीं की।

भाजपा ने निषाद समाज को सम्मान दिया

सांसद ने कहा कि भाजपा ने निषाद समाज को पूरा सम्मान दिया है। केंद्र में इस समाज से मंत्री हैं। यूपी में पार्टी के दो सांसद हैं। जहां तक बिहार में निषाद समाज के नेता की बात है तो यह जनता तय करती है। उनके पिता कैप्टन जय नारायण निषाद चार बार सांसद बने। वे भी लगातार दो बार से सांसद हैं। वे बैकडोर से आने वाले नेता नहीं हैं।

पुलिस-प्रशासन ने नियम के अनुसार की कार्रवाई

वाराणसी की घटना को लेकर अजय निषाद ने कहा कि वहां पुलिस और प्रशासन को जो उचित लगा वैसा किया। इसमें यूपी के मुख्यमंत्री का कोई लेना-देना नहीं। विधि व्यवस्था संभालना पुलिस का काम है।

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