एचआइवी के हाई रिस्क जोन में मुजफ्फरपुर प्रवासी मजदूर व ट्रक ड्राइवर
सीएस ने कहा कि इसके साथ ही गर्भवती माताओं के जांच पर भी जोर दिया जा रहा है। सभी पीएचसी प्रभारियों को कहा गया है कि वह एचआइवी एड्स जांच में पूरा सहयोग करें। जो जिले का लक्ष्य है शिविर लगाने का उसके मुताबिक हर जगह शिविर लगनी चाहिए।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। पर्व के मौके पर आने वाले प्रवासी मजदूरों की एचआईवी एड्स जांच के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। हर प्रखंड में सात शिविर का आयोजन होगा। इसके साथ प्रसव कक्ष में भी जांच किट रहेगी और एचआइवी एड्स जांच होगी। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने एचआईवी एडस को लेकर आयेाजित समीक्षा बैठक में जांच शिविर की रणनीति तय की । सिविल सर्जन ने बताया कि प्रवासी मजदूर व ट्रक ड्राइवर हाई रिस्क जोन में रहते हैं। इसलिए अगर उन लोगों का आवागमन गांव में हो रहा है एचआईवी जांच जरूरी है। जांच के बाद पता चल जाता है तो इलाज भी आसान होता है ।
सीएस ने कहा कि इसके साथ ही गर्भवती माताओं के जांच पर भी जोर दिया जा रहा है। सभी पीएचसी प्रभारियों को कहा गया है कि वह एचआईवी एड्स जांच में पूरा सहयोग करें। जो जिले का लक्ष्य है शिविर लगाने का उसके मुताबिक हर जगह शिविर लगनी चाहिए। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा.सीके दास ने बताया कि एचआईवी जांच के लिए जिले में 126 शिविर का आयोजन किया जाएगा। जांच शिविर में गर्भवती की जांच पर ज्यादा जोर रहेगा। ऐसा इसलिए ताकि मांं से बच्चे में संक्रमण न जाए । अगर मां एचआईवी पोजेटिव है तो उसकी पहचान होने पर प्रसव के दौरान बच्चे को एचआईवी से बचाया जा सकता है। जिला एचआईवी पर्यवेक्षक जयप्रकाश कुमार ने बताया कि एचआईवी संक्रमित को 0 से 18 साल तक बच्चे को एक हजार रुपया प्रति माह परवरिश योजना के तहत दी जा रही है। बिहार शताब्दी योजना के तहत एचआईवी एडस संक्रमित को 1500 रुपए हर माह प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। दोनों योजना के तहत संक्रमित व्यक्ति व परिवार को शत प्रतिशत लाभ मिले इसके लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस बैठक में जिला यक्ष्मा जांच पर्यवेक्षक मनोज कुमार आदि शामिल रहे।