मुजफ्फरपुर: दुघर्टना के बाद घायल का सही तरीके से प्राथमिक उपचार करना जरूरी
एलएस कालेज में परिवहन विभाग व एम्स पटना की ओर से जागरूकता कार्यक्रम नुक्कड़ नाटक से छात्र-छात्राओं को दिया संदेश। एम्स के डा.अनिल कुमार ने बताया कि यदि सड़क पर कोई दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति दिखे तो उसे झकझोर कर किनारे नहीं करें।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सड़क पर दुर्घटना के बाद घायल की थोड़ी सी मदद कर हम उसे जीवनदान दिला सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि सभी व्यक्ति को दुर्घटना के बाद मदद की सही जानकारी हो। ये बातें शुक्रवार को एलएस कालेज सभागार में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, परिवहन विभाग व पटना एम्स की ओर से आयोजित जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान एम्स के डा.अनिल कुमार ने छात्र-छात्राओं से कहीं। बताया कि यदि सड़क पर कोई दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति दिखे तो उसे झकझोर कर किनारे नहीं करें। कई बार इसी क्रम में गले की हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाने से घायल की मौत तक हो जाती है। टैप एंड टाक यानी छाती पर हाथ से धीरे से ठोककर उसकी स्थिति को समझा जा सकता है।
बताया कि यदि अधिक तेज गति से घायल का रक्त निकल रहा है तो कपड़े से प्रेशर बैंडेज करें। साथ ही फ्रैक्चर होने की स्थिति में लकड़ी या किसी मजबूत वस्तु को रखकर अच्छे से बांधकर उसे अस्पताल पहुंचाएं। इससे पूर्व पटना की टीम की ओर से नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई। इसमें संदेश दिया गया कि बिना हेलमेट वाहन चलाना और यातायात के नियमों का पालन नहीं करने पर हम असमय काल के गाल में समा सकते हैं। कलाकारों ने गीत-संगीत की भी प्रस्तुति दी। एनसीसी कैडेट्स को सड़क सुरक्षा के नियमों से अवगत कराया गया। प्राचार्य डा.ओपी राय ने करीब दो सौ से अधिक छात्र-छात्राओं और एनसीसी कैडेट्स को सड़क पर चलते समय या वाहन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों का पालन करने का शपथ दिलाया। कलाकारों में अवध ठाकुर, मन कपूर, उदय सिंह, दीपक कुमार, पूजा कुमारी, रजनीकांत, संजय कुमार, उत्तम कुमार व शंकर कुमार आदि थे।
इमरजेंसी में नही मिले चिकित्सक, छटपटता रहा मरीज
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर: सदर अस्पताल के इमरजेंसी में चिकित्सक नहीं मिलने से मरीज परेशान रहे। झपहां से आया पांच साल का राजकुमार तीन घंटे तक परेशान रहा। राजकुमार के स्वजनों ने बताया कि कुत्ता के काटने के बाद यहां पर आए लेकिन इमरजेंसी में जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी, वह सुबह आठ बजे से थी, लेकिन वह 11 बजे तक नहीं आए। इलाज के लिए नौ बजे से पर्ची कटाकर इंतजार करते रहे। वहां पर पहुंचे घायल सिकन्दरपुर के रश्चिम कुमारी, बालूघाट के मलिक मियां ने कहा कि यहां पर घायल का इलाज भी सही तरीके से नहीं हो रहा है।