मुजफ्फरपुर: सरकारी अस्पताल का वेंटिलेटर देना पड़ा निजी को, इस बार विभाग सजग

सदर अस्पताल का यह हाल रहा कि यहां के वेंटिलेटर को निजी अस्पताल में देना पड़ा था। एसकेएमसीएच में भी वेंटिलेटर गोदाम में ही पड़े रहे। इनको संचालित करने के लिए टेक्नीशियन ही नहीं मिले। जैसे-तैसे सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया गया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 01:15 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 01:15 PM (IST)
मुजफ्फरपुर: सरकारी अस्पताल का वेंटिलेटर देना पड़ा निजी को, इस बार विभाग सजग
एसएकेएमसीएच और सदर अस्पताल में संविदा पर बहाल किए गए हैैं चिकित्सक, दे रहे सेवा।

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी लहर में चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी सामने आई थी। कई अस्पतालों में तो वेंटिलेटर चलाने के विशेषज्ञ ही नहीं थे। सदर अस्पताल का यह हाल रहा कि यहां के वेंटिलेटर को निजी अस्पताल में देना पड़ा था। एसकेएमसीएच में भी वेंटिलेटर गोदाम में ही पड़े रहे। इनको संचालित करने के लिए टेक्नीशियन ही नहीं मिले। इसी तरह से चिकित्सक व कर्मियों की कमी के बीच जैसे-तैसे सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया गया। 

निजी अस्पतालों में भी आइसीयू में भर्ती मरीजों से मनमानी वसूली की गई। वेंटिलेटर का एक से दो हजार रुपये प्रतिघंटा के हिसाब से चार्ज वसूला गया। इसको लेकर एसकेएमसीएच में तोडफ़ोड़ तक हुई थी। ब्रह्मïपुरा, बैरिया व जीरोमाइल इलाके में निजी अस्पतालों में भी इलाज के नाम पर वसूली गई फीस को लेकर मारपीट होने की सूचनाएं आती रही थीं। चिकित्सक व मानव बल की कमी से इलाज पर व्यापक असर पड़ा। सदर अस्पताल में 780 मानव बल बहाल किए गए। उनके सहारे इलाज व टीकाकरण चला, लेकिन बीच में बहाली में गड़बड़ी से उनको हटा दिया गया।

एसकेकएमसीएच के अधीक्षक डा.बीएस झा ने बताया कि पिछली बार कोरोना के इलाज में थोड़ी परेशानी हुई। इस बार हर स्तर पर तैयारी है। अभी मरीज नहीं आ रहे हैं। आइसीयू में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई जा रही है। चिकित्सक भी संविदा पर रखे गए हैं। सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से जांच व इलाज की सुविधा मिलेगी। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने कहा कि चिकित्सक, वेंटिलेटर से लेकर बेड की सुविधा मरीजों को पीएचसी से सदर अस्पताल तक मिले इसके इंतजाम किए गए हैं। अभी जिले में तीसरी लहर की आशंका है। कोई मरीज नहीं मिला है। मरीज आने पर हर स्तर पर इलाज होगा।

ये चल रही तैयारी

- एसकेएमसीएच में पिछली बार 18 वेंटिलेटर चलाए गए थे। इस बार 40 को तैयार किया जा रहा है।

- पिछले साल एक टेक्नीशियन के होने से परेशानी हुई थी। इस बार चार टेक्नीशियन रखने की कवायद है।

- सदर अस्पताल में पिछले साल वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी। इस बार मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सीके दास को विशेष प्रशिक्षण मिला है। मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। एक मूर्छक की भी प्रतिनियुक्त हुई है।

- तीसरी लहर को देखते हुए सदर अस्पताल में 24 व एसकेएमसीएच में 12 चिकित्सकों की संविदा पर बहाली की गई है। सभी सेवा दे रहे हैैं।

- एसकेएमसीएच, ग्लोकल व सदर अस्पताल में पिछली बार कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा थी। इस बार बीबी कालेजिएट में भी 220 बेड इलाज के लिए तैयार किए गए हैैं।

- सरकारी अस्पताल मेंं ही मरीज का इलाज हो। इसके लिए हर स्तर पर दक्ष किया जा रहा है।

चिकित्सक व पारा मेडिकल कर्मी

पद नाम ---स्वीकृत पद-- कार्यरत-----खाली

चिकित्सक----379-----259---------127

ए ग्रेड नर्स नियमित----246--- 107---139

एएनएम नियमित--861----714 -----147

एएनएम संविदा----583---27-----556

लैब टेक्नीशियन----164----47----117

फार्मासिस्ट------103-----24-----80

ड्रेसर--------83---------31-----52

- हेल्थ एजुकेटर----83---31-----52

आशा-----4510-----4222----288

ममता-----154-----144----10 

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