Muzaffarpur Flood: औराई के एक दर्जन गांवों में छह महीने नाव का सहारा, शेष छह महीने चचरी होकर करते सफर
Muzaffarpur Flood News बागमती परियोजना उत्तरी व दक्षिणी बांध के बीच अवस्थित एक दर्जन गांव के लोगों को आवागमन के लिए साल के 6 महीने नाव का ही सहारा है। शेष 6 महीने यहां के लोग चचरी होकर सफर तय करते हैं। बाढ़ में एक लाख की आबादी होती प्रभावित।
औराई (मुजफ्फरपुर), जासं। बागमती परियोजना उत्तरी व दक्षिणी बांध के बीच अवस्थित एक दर्जन गांव के लोगों को आवागमन के लिए साल के 6 महीने नाव का ही सहारा है। शेष 6 महीने यहां के लोग चचरी होकर सफर तय करते हैं। प्रखंड के बेनीपुर, मधुबन प्रताप, पटोरी टोला, बारा बुजुर्ग, बारा खुर्द ,बभनगामा पश्चिमी, हरनी टोला, भरथुआ दक्षिण टोला, चहुंटा दक्षिण टोला, चैनपुर, राघोपुर, तरबन्ना समेत एक दर्जन गांव के लोगों को बाढ़ के समय आवागमन के लिए नाव का ही सहारा रहता है। जलस्तर कम रहने की स्थिति में औराई दक्षिणी क्षेत्र के लोग नाव के सहारे ही प्रखंड मुख्यालय जाते हैं।
बागमती नदी की धारा व उपधारा के कारण बाढ़ के समय में लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित होती है। इस समस्या के समाधान के लिए बेनीपुर, मधुबन प्रताप, सरहंचिया, अतरार घाट, चैनपुर में अगर पुल बना दिया जाए तो इस समस्या का समाधान हो जाएगा। महेशवारा पंचायत के पूर्व मुखिया लालबाबू राय ने कहा कि चैनपुर में अगर पुल का निर्माण हो जाता है तो यहां के लोगों को आवागमन में बहुत सुविधा होगी। अतरार पंचायत के डा. अवधेश पांडेय ने अतरार घाट पर पुल निर्माण की मांग सरकार से की।
मधुबन प्रताप घाट पर दिनेश सहनी ने पुल निर्माण की मांग की। सरहंचिया गांव के समीप बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा पर पूर्व सरपंच नीलम कुमारी ने पुल निर्माण की मांग की, ताकि लोगों को खेती करने एवं आवागमन में सुविधा हो। इधर, स्थानीय विधायक सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसुरत राय ने कहा कि अगले पांच वर्षों में सभी प्रमुख जगहों पर पुल का निर्माण करा दिया जाएगा।