मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल: पहिले जनती की इ हाल होतई त आपरेशन न करईती हो बाबू
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में बड़ी लापरवाही की वजह से तमाम लोगों की आंखों की रोशनी छीन गई। अब यहां आपरेशन कराने वालों के पास पछतावा के सिवाय अब कुछ नहीं बचा। हालांकि इस पूरे घटना क्रम की जांच पड़ताल जारी है।
मुजफ्फरपुर, {अमरेंद्र तिवारी}। पहिले जनती की इ हाल होतई त आपरेशन न करईती हो बाबू...। इतना कहकर भावुक हो गया भरत पासवान। असवरणपुर के भरत ने बताया कि वह अपने घर में कमाने वाला था। एक आंख का आपरेशन कराया कि रोशनी मिलेगी। अब तो आंख निकालने की हालत आ गई। उसे अभी दो बेटियों की शादी करनी है। कैसे परिवार की गाड़ी चलेगी यह पता नहीं।
जिंदगीभर का हो गया दर्द
देवकुलिया फेनहारा पूर्वी चंपारण की पन्ना देवी ने बताया कि आपरेशन कराया कि आंख ठीक होगा, लेकिन अब तो ङ्क्षजदगीभर का दर्द हो गया। इलाज कराकर घर गईं तो वहां आंख से मवाद व पानी गिरने लगा। यहां से आई हास्पिटल वाले ने पटना भेजा, लेकिन वहां पर बताया गया कि आंख निकालना ही होगा वरना जान पर खतरा है।
मोतियाबिंंद का आपरेशन करा फंसे
छतौनी तरियानी के भरत प्रसाद सिंह ने कहा कि मन में बड़ी इच्छा थी कि आंख की रोशनी वापस आ जाएगी। अब लग रहा कि जो था वह ठीक था। मोतियाबिंद का आपरेशन कराकर फंस गए। आपरेशन के बाद लगातार दर्द से कराह रहे थे। मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल आए तो वहां कोई देखने वाला नहीं था। हमारे जैसी किसी की दशा न हो यह इंतजाम सरकार करे।
आपरेशन के बाद नहीं दिख रहा आंख से
मोबरना खातून ने बताया कि जब से आपरेशन हुआ। उसके बाद से आंख से दिखाई नहीं दे रहा है। जो हालत है अब लग रहा कि आंख निकलवानी ही पड़ेगी। बताया कि आपरेशन के पहले घर का काम कर रही थीं। कोई खास परेशानी नहीं थी, लेकिन अब पूरा जीवन तबाह हो जाएगा।
फीस देकर भी नहीं आई रोशनी
मुजफ्फरपुर। जूरन छपरा स्थित आई हास्पिटल में जांच कराने पहुंचीं दलङ्क्षसहसराय की संजीता खातून ने बताया कि यहां पर 11,500 राशि लेंस लगाने के लिए दी थी। एक माह बाद अब रोशनी जितनी आनी चाहिए वह नहीं आ रही है। इस तरह से आंख के आपरेशन के बाद कई लोग अपनी समस्या लेकर आए। सिविल सर्जन ने सबकी शिकायत सुनने के बाद एसकेएमसीएच जाकर इलाज कराने की सलाह दी।