मुजफ्फरपुर है तो मुमकिन है : पूर्व डीटीओ नजीर अहमद के समय चोरी की बोलेराे के बने कागजात

दो बोलेरो पर एक नंबर मिलने के बाद सामने आया मामला। नगर थाने में दर्ज केस के मामले में डीएसपी व दारोगा ने की थी जांच। पुलिस ने कहा कि फाइल तैयार करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर व साइन करने वाले कर्मी के साथ तत्कालीन डीटीओ भी जांच के घेरे में।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 07:47 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 07:47 AM (IST)
मुजफ्फरपुर है तो मुमकिन है : पूर्व डीटीओ नजीर अहमद के समय चोरी की बोलेराे के बने कागजात
पूछताछ के लिए तत्कालीन डीटीओ को नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। चोरी के वाहन का फर्जी निबंधन कराकर कागजात बनाने के मामले में नगर पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने कहा कि फाइल तैयार करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर व साइन करने वाले कर्मी के साथ तत्कालीन डीटीओ भी जांच के घेरे में आ गए हैं। इसके लिए साक्ष्य जुटाई जा रही है। इसके मद्देनजर 2018 के कंप्यूटर ऑपरेटर उमेश की तलाश की जा रही है। बताया गया कि उमेश की गतिविधि संदिग्ध सामने आने के बाद गत साल उसे हटा दिया गया था। इसलिए उसकी भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। इसके अलावा तत्कालीन डीटीओ के समय में एक मास्टर साहब भी घंटों उनके कक्ष में बैठते थे। उनकी गतिविधि भी संदिग्ध मिली है। 

नगर थाने की पुलिस अब इन दोनों की कुंडली खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि तत्कालीन डीटीओ नजीर अहमद, हेड क्लर्क रामअयोध्या सिंह व ऑपरेटर उमेश के मोबाइल का कॉल डिटेल्स भी निकाला जा रहा है। इन सभी से पूछताछ की जाएगी। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के लिए तत्कालीन डीटीओ को नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा। दूसरी ओर सोमवार को डीटीओ से सत्यापित कर लाए गए कागजात का नगर थाने के दारोगा ओमप्रकाश ने इंस्पेक्टर के साथ बैठकर अवलोकन किया। बता दें कि गत महीने दो बोलेरो पर एक ही नंबर मिलने के बाद नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसी मामले की जांच में पुलिस जुटी है। इसके चार दिन पूर्व कांटी में मिले चोरी की वाहनों का कागजात बनाने के मामले में भी एएसपी पश्चिमी द्वारा डीटीओ में छापेमारी की गई थी। जिसमें तीन कर्मियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। 

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