Muzaffarpur: दंपती बेटों से अधिक बेटियों में जता रहे भराेसा, गोद लेने का ग्राफ बेटों से ज्यादा

मुजफ्फरपुर में दत्तक संस्थान से बेटियों को गोद लेने का ग्राफ बेटों की तुलना में अधिक। विदेश में भी गूंज रही गोद ली गईं बेटियों की किलकारी। बेटियां माता-पिता का ज्यादा ख्याल रखती हैं। भावनात्मक रूप से जुड़ती हैं।गोद लेने देश ही नहीं विदेशों से भी लोग पहुंच रहे।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 08:36 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 08:36 AM (IST)
Muzaffarpur: दंपती बेटों से अधिक बेटियों में जता रहे भराेसा, गोद लेने का ग्राफ बेटों से ज्यादा
बच्ची को गोद लेने के समय मौजूद कतर के दंपती व अधिकारी। (फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर, जासं। अपनों के ठुकराए मासूम बच्चे। मां की ममता और घर-आंगन से दूर। अपनों की प्यार भरी थपकियों और लोरियों को तरसते। ऐसे में 'ममताÓ जब इनका हाथ थामती है तो बचपन चहक उठता है। किसी के लिए बेमोल बेटियां अब अनमोल हो रही हैं। सूने घर-आंगन को गुलजार कर रही हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा मुजफ्फरपुर में संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान निसंतान दंपतियों के जीवन में खुशियों की सौगात दे रहा है। पिछले चार वर्षों में 39 लोगों ने संतान सुख प्राप्त किया है। इनमें आधे से अधिक ने बेटियों को ही गोद लिया है। इन्हेंं गोद लेने देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं। 

भावनात्मक रूप से जुड़ती हैं बेटियां

खबड़ा स्थित दत्तक संस्थान की समन्वयक अनुपमा कुमारी बताती हैं कि लोगों में बेटियों को अपनाने के प्रति ज्यादा रुचि है। पिछले चार वर्षों में 25 बेटियों को अपनाया गया है। तमिलनाडु के अशोकर महाराज और डौलिया खरबलौंग ने हाल ही में एक बच्ची को अपनाया है। कहते हैं कि 13 वर्ष का एक बेटा है, बेटी की चाहत थी। अब वह भी पूरी हो गई। इनका कहना है कि बेटियां माता-पिता का ज्यादा ख्याल रखती हैं। भावनात्मक रूप से जुड़ती हैं।

दरभंगा के पंकज कुमार विमल एवं बबीता कुमारी ने भी एक बच्ची को गोद लिया है।

विदेशी दंपतियों ने भी बच्चियों को अपनाया

विदेशी दंपतियों ने भी बच्चियों को गोद लेने में रुचि दिखाई हैं। इसी साल ओजस्विता कुमारी को कतर के नुरुद्दीन मेथाले पुरायील व समीरा कुरुवेदपुरा ने गोद लिया है। अमेरिका के सुरेश नुलपति व हिमा बिंदु ने काव्या कुमारी को गोद लिया है। इटली के कोविलि फोगीयाली मार्को व मैगनानी फ्रांसिस्का ने सूरज को गोद लिया है।

ऑनलाइन होती है गोद लेने की प्रक्रिया

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक उदय कुमार झा ने बताया कि बच्चा गोद लेने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। गोद दिए गए बच्चे की जांच समय-समय पर विभाग द्वारा की जाती है। संस्थान में अब तक 76 बच्चे आए हैं, इनमें 39 गोद लिए गए। फिलहाल आठ बच्चे हैं, जिनमें पांच लड़के व तीन लड़कियां हैं। 50 से अधिक आवेदन प्रक्रिया में हैं।

गोद देने की होती हैं कई शर्तें

बाल संरक्षण पदाधिकारी चंद्रदीप कुमार ने बताया कि बच्चों को गोद देने के पूर्व कई शर्तों को पूरा करना होता है। संभावित मां-बाप को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आॢथक दृष्टि से सक्षम होना जरूरी है।  

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